
अशोक यादव, लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने यहां कोरोना संक्रमित लावारिश मरीज के भागने के मामले में इमरजेंसी में तैनात रेजिडेंट डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।
ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षा गार्ड को भी नौकरी से हटा दिया है।
वहीं नोटिस को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है।
इसके अलावा इमरजेंसी के रास्ते में बदलाव किया गया है।
जन औषधि केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। वहीं जन औषधि केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
माना जा रहा है कि अखबारों में छपी खबरों के बाद शासन ने लोहिया संस्थान को इस मामले में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
18 अप्रैल को लोहिया संस्थान के कोविड वार्ड में भर्ती लावारिश मरीज फरार हो गया था।
हांलाकि पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी करके उसे पकड़ लिया और दोबारा भर्ती कराया।
इमरजेंसी के पास 12 संक्रमित मरीजों को भर्ती किए जाने के मामले को शासन ने मामले को गंभीरता से लिया है।
इमरजेंसी मरीजों को संक्रमण से बचाने के निर्देश दिए।
संस्थान प्रशासन ने मरीज के भागने के मामले में दो रेजिडेंट डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।
हालांकि नोटिस को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है।
ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षा गार्ड को नौकरी से हटा दिया।
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निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले मरीज व तीमारदारों को संक्रमण से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मूर्ति के सामने गेट से इमरजेंसी की ओर आने का रास्ता बनाया गया है।
कोरोना मरीजों का आईसोलेशन वार्ड का रास्ता एकदम अलग कर दिया गया है।
जन औषधि केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है।
इसके अलावा आईसोलेशन के आस-पास बेवजह आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
इमरजेंसी व उसके आस-पास के क्षेत्र को सैनेटाइज करा दिया गया है।
समय-समय पर सैनेटाइजेशन का काम कराने के निर्देश दिए गए है।
डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक 12 संक्रमित मरीजों की तबीयत स्थिर है।
इनमें दो डायबिटीज पीड़ित हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह पर भोजन दिया जा रहा है।
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