आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमारी लाइफस्टाइल बहुत डिस्टर्ब हो गई है। हम अपने खान-पान का भी ख्याल नहीं रख पाते हैं। ऐसे में हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है, हम बार-बार बीमार होते हैं। लेकिन डाइट में कुछ न्यूट्रीएंट्स से भरपूर फूड को शामिल किया जाए तो हेल्थ अच्छी बनी रहती है। जानिए हमेशा हेल्दी रखने वाले सुपरफूड्स के बारे में…
तिल: तिल चाहे सफेद हों, लाल हों या काले, ये महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। चाहे इसे लड्डू के रूप में खाएं, कच्चा खाएं या फिर सब्जी में डालकर खाएं। इसमें आयरन और फॉलिक एसिड भरपूर होता है, जो महिलाओं को एनीमिया की समस्या से बचाता है। साथ ही इनमें मौजूद नायसिन, बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल घटाकर हार्ट अटैक के खतरे से भी बचाता है। तिल में मौजूद कैल्शियम और जिंक हड्डियों का घनत्व बढ़ाते हैं और प्री या पोस्ट मेनोपॉज के दौर में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचाव करते हैं।
दही: हर रोज एक कटोरी दही खाना महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। तमाम अन्य फायदों के साथ इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड उन्हें बार-बार होने वाले वेजाइनल इंफेक्शन से बचाता है। यीस्ट इंफेक्शन की रोकथाम करता है। साथ ही दही, एंग्जायटी और स्ट्रेस से भी राहत दिलाता है।
संतरा: संतरे में मौजूद विटामिन सी इसे सुपर फ्रूट बनाता है। विटामिन सी डबल रोल निभाता है, विटामिन का भी और एंटीऑक्सीडेंट का भी।
स्किन को यंग रखने और उसकी दमक बरकरार रखने में संतरा मददगार होता है। संतरे में मौजूद हेस्पिरीडिन (एंटीऑक्सीडेंट) ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करता है। रोज संतरा खाना या इसका जूस पीना महिलाओं में स्ट्रोक की संभावना भी घटाता है।
बींस: शाकाहारियों के लिए बींस प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प है, खासकर सोयाबीन। इसमें आठ जरूरी अमीनो अम्ल तो मौजूद होते ही हैं, साथ ही विटामिन बी-12 का यह एक मात्र वनस्पति सोर्स है। पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन ठीक करने के लिए यह बेहतरीन फूड है। बी-12 से लाल रक्त कणिकाएं भी बढ़ती है और नर्व्स का डीजेनरेशन भी रुकता है।
नाशपाती: इस फल में मौजूद फोलेट की उच्च मात्रा महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान काफी फायदेमंद होती है।
नाशपाती में विटामिंस, कैल्शियम, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है।
पपीता: स्लिम और फिट रहने की चाह भला किस महिला को नहीं होती है। रोजाना एक बाउल पका पपीता खाने से पतला होना संभव है। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर्स पेट जल्दी भरने का अहसास देते हैं और इससे एक्सट्रा फैट भी बर्न होता है। पीरियड्स के दर्द को भी यह बहुत हद तक कम करता है। एक शोध के मुताबिक पपीता युवा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम भी कम करता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता कभी नहीं खाना चाहिए।
डाइट में शामिल कर लें ये फूड, हमेशा रहेंगे हेल्दी, कभी नहीं आएगा बुढ़ापा
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