वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध से जूझ रहे सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया की रखवाली का ठेका नहीं ले सकता. उन्होंने दूसरे देशों से भी जिम्मेदारियां बांटने के लिए कहा. यह बातें ट्रंप ने इराक की अपनी अघोषित पहली यात्रा के दौरान कही. वह और प्रथम महिला मेलानिया क्रिसमस की रात गुपचुप वॉशिंगटन से रवाना हुए और इराक में तैनात अमेरिकी सैनिकों को छुट्टी की बधाई देने बुधवार को वहां पहुंचे थे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रथम महिला हमारे सैनिकों और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करने क्रिसमस की देर रात इराक गए. वे उन्हें उनकी सेवा, सफलता और बलिदान के लिए शुक्रिया अदा करना चाहते थे और क्रिसमस की बधाई देना चाहते थे.
ट्रंप ने बगदाद के पश्चिम में स्थित एक एयरबेस पर अमेरिका के विशेष अभियान बलों के 100 सैनिकों के समूह को संबोधित किया. यहां उन्होंने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने के अपने फैसले का बचाव किया. अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करने के तुरंत बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका लगातार दुनिया की रखवाली का ठेका नहीं ले सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका आईएस और सीरिया के खिलाफ अभियानों के लिए इराक को क्षेत्रीय लॉन्चिंग पैड के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है. ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका पर कोई और आतंकवादी हमला हुआ तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा.
उन्होंने सैनिकों से कहा कि अगर कुछ भी होता है तो जिम्मेदार लोगों को ऐसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे जो कभी किसी ने नहीं भुगते होंगे. उन्होंने सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने और बाकी क्षेत्रीय देशों खासकर तुर्की पर आईएस के खिलाफ काम पूरा करने की जिम्मेदारी छोड़ने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है कि सारा बोझ हम पर डाल दिया जाए. पिछले हफ्ते ट्रंप ने विश्व और अपने देश को हैरत में डालते हुए अचानक घोषणा की थी कि अमेरिका, सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है. उन्होंने दलील दी कि अब सीरिया में अमेरिका की जरूरत नहीं है क्योंकि आईएस को हरा दिया गया है.
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