
रांची। झारखंड सरकार ने टीकाकरण में आ रही अड़चनों को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका (इंटरलोकेट्ररी एपलीकेशन) दायर कर टीकाकरण में आ रही अड़चनों को खत्म करने और राज्य सरकार द्वारा निर्मित अमृतवाहिनी एप के जरिये लोगों को वैक्सीन दिये जाने की प्रक्रिया को मंजूरी देने संबंधित निदेर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
झारखंड उच्च न्यायलय में गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ० रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में कोविड-19 से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसे लेकर उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका (आईए) फाइल किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य में 18 से 44 वर्ष के लोगां की संख्या 1.4 करोड़ से ज्यादा है, इन्हें भी वैक्सीन दिये जाने की जरुरत है, ताकि झारखंड में कोरोना का तीसरा फेज आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दिलवायी जा सके, लेकिन फिलहाल वैक्सीन लेने के लिए कोविन एप में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है,जिसकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है।
वहीं झारखंड के कई इलाकों में लोगों के पास स्मार्टफोन का अभाव है, जिसकी वजह से लोग चाह कर भी वैक्सीन नहीं ले सकते। इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में रहने वाले लोगों को वैक्सीन दिये जाने के लिए अमृत वाहिनी एप तैयार किया गया है, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की प्रक्रियाओं से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
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