बीजींग: चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के बाद अब तिब्बती बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। चीन के किंघाई प्रांत की मठों में तिब्बती बच्चों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह इलाका तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से सटा हुआ है। ह्यूमन राइट्स वॉच की चीनी निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा कि आधिकारिक रूप से पिछले महीने प्रकाशित हुआ यह प्रतिबंध शिक्षा से लेकर सांस्कृतिक जीवन तक मूल अधिकारों की लंबी सूची का उल्लंघन करता है। संगठन का कहना है कि चीन के संविधान में सभी नागरिकों को उनके धर्म और संस्कृति का पालन करने की आजादी है ।
लेकिन वास्तविकता इसके उलट है। संगठन ने आरोप लगाया कि चीन तिब्बत में रह रहे बौद्धों के साथ शिनजियांग प्रांत के उइगर मुसलमानों की भी धार्मिक आजादी में घुसपैठ कर रहा है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पढ़ाई जाने वाली अनौपचारिक कक्षाएं विशेषकर उनकी भाषाएं स्कूली छुट्टियों के दौरान तिब्बतियों के बीच लोकप्रिय होती हैं। उनकी भाषा का विभिन्न पब्लिक स्कूलों में बहुत कम उपयोग किया जाता है। बता दें कि नांगचेन प्रांतीय प्रशासन ने इन कक्षाओं को अवैध मानते हुए और इन्हें युवाओं में वैचारिक घुसपैठ करने वाला, खतरनाक और हानिकारक मानते हुए इनपर दिसंबर 2018 में प्रतिबंध लगा दिया था।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat