नई दिल्ली: केंद्र सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए हर साल 6 हजार रुपये की मदद देने की योजना पहले ही शुरू कर चुकी है। गरीब किसानों के लिए इसे बड़ी मदद के रुप में देखा जा रहा है। भाजपा किसानों को कर्ज के जाल से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाने के लिए एक विशेष योजना पर काम कर रही है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बनाई जा रही इस योजना का अंतिम रूप दस मार्च को ‘किसान संकल्प पत्र’ के रूप में जनता के सामने आ सकता है। किसान संकल्प पत्र को अंतिम रूप देने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पार्टी ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है जो किसानों के मुद्दे पर मिल रहे सुझावों, समस्याओं का अध्ययन कर एक समाधान पेश करेगी।
इस कमेटी में शिवराज सिंह के अलावा कृषिमंत्री राधामोहन सिंह, कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त और पंचायती राज राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला शामिल हैं। सभी नेताओं को देश के अलग-अलग राज्यों की समस्याओं को समझने और विशेषज्ञों से बात कर उनका संभव समाधान समझने की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए विशेष योजना पर काम कर रही है। इसमें किसानों को हर साल मिलने वाली आर्थिक सहायता 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर आठ से दस हजार रुपये के बीच किया जा सकता है।
इसके अलावा सिंचाई को अधिक सस्ती करने, कृषि के लिए बिजली की विशेष और सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करने का वायदा किया जा सकता है। इसके अलावा सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली फसलों में बढ़ोतरी करने और भेंड़ पालन जैसे पेशे को भी कृषि जैसी मदद दिये जाने का प्रस्ताव किया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गत तीन फरवरी को ‘भारत के मन की बात’ नाम से एक कार्यक्रम जारी किया था। इसके अंतर्गत भाजपा के कार्यकर्ताओं को देश के 10 करोड़ लोगों से मुलाकात कर उनसे विभिन्न मुद्दों पर बात कर उनकी राय जाननी है। पार्टी का कहना है कि वह इन सुझावों को पार्टी के घोषणा पत्र में जगह देगी। जनता की राय को अंतिम रूप देने के लिए बारह उपसमितियों का गठन किया गया है। किसानों से जुड़े मुद्दों को शिवराज सिंह की अगुवाई में अंतिम रुप देने की बात कही गई है।
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