
अशाेक यादव, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को किसान दिवस के अवसर पर प्राकृतिक खेती को समय की मांग बताते हुए देश के किसानों से इसे अपनाने की अपील की है। मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनास डेयरी संकुल और एकीकृत आयुष चिकित्सालय सहित अन्य विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह को संबोधित किया।
विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। यही आज समय की मांग है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर मनाए जाने वाले किसान दिवस की देशवासियों को बधाई देते हुये कहा कि समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई।
मोदी ने कहा कि इससे पर्यावरण और जीवजगत की सेहत के लिए पैदा हुए खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को अब प्राकृतिक खेती की तरफ लौटना होगा।
मोदी ने प्राकृतिक खेती में पशुधन के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, लेकिन हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 08 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।
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