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कानपुर मेट्रोः एक कि.मी. का मेट्रो ट्रैक आधार तैयार

राहुल यादव, लखनऊ /कानपुर। कानपुर में आईआईटी और मोतीझील के बीच लगभग 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर का सिविल निर्माण होना है, जिसका काम बेहद तेज़ी के साथ आगे बढ़ रहा है।

प्रयॉरिटी कॉरिडोर के वायडक्ट पर 50 यू-गर्डर्स के इरेक्शन (परिनिर्माण) का काम पूरा हो चुका है।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने महज़ 36 दिनों में यह उपलब्धि हासिल कर ली है।

सड़क पर मेट्रो कॉरिडोर का जो उपरिगामी (एलिवेटेड) हिस्सा दिखाई पड़ता है, उसे वायडक्ट कहते हैं और प्रयॉरिटी कॉरिडोर के इस वायडक्ट की लंबाई लगभग 9 किमी. है, जिसमें से लगभग 1 किमी. के हिस्से में यू-गर्डर्स रखे जा चुके हैं।

जल्द ही इन यू-गर्डर्स पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा।


प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत कुल 638  यू-गर्डर्स रखे जाने हैं।

इन यू-गर्डर्स की ढलाई कास्टिंग यार्ड में की जाती है।

ढलाई और लोड-टेस्टिंग आदि की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, जब यह सुनिश्चित हो जाता है कि यू-गर्डर्स लंबाई, चौड़ाई और वजन उठाने की क्षमता के पैमानों पर पूरी तरह उपयुक्त हैं, तब इन्हें क्रेन की सहायता से वायडक्ट में निर्धारित स्थान पर रख दिया जाता है। कानपुर में मेट्रो कॉरिडोर के सिविल निर्माण की तेज़ गति पर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए, यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “यू-गर्डर्स कॉरिडोर का अहम हिस्सा होते हैं।

जिस गति से यू-गर्डर्स का इरेक्शन हो रहा है, उसको देखते हुए मुझे पूरा भरोसा है कि हम समय पर प्रयॉरिटी कॉरिडोर का सिविल निर्माण पूरा कर लेंगे। अभी तक, कास्टिंग यार्ड में कुल 134 यू-गर्डर्स की कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है और रोज़ रात में इनका इरेक्शन किया जा रहा है।”

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