
लखनऊ, 17 मार्च। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 13 घंटे के अंदर राज्यपाल लालजी टंडन को दूसरी चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा, ‘40 साल के राजनीतिक जीवन में हमेशा मर्यादाओं का पालन किया, आपके 16 मार्च के पत्र से दुखी हूं, जिसमें आपने मुझ पर मर्यादाओं का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी। फिर भी यदि आपको ऐसा लगा है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।’ कमलनाथ ने अपने पत्र में यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि आपने भाजपा से मिली सूचना के आधार पर मान लिया कि मेरी सरकार बहुमत खो चुकी है।
कमलनाथ ने कहा- विधायकों के दबाव से मुक्त होने पर ही बहुमत परीक्षण होगा। आपने 14 मार्च को मुझे लिखे पत्र में यह मान लिया है कि मेरी सरकार ने बहुमत खो दिया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने भाजपा से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ऐसा माना।
विधानसभा की कार्यप्रणाली से संबंधित बातों पर मुझसे अपेक्षा की गई है, जबकि यह सब विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। उनके कार्य में हस्तक्षेप करना राज्यपाल के क्षेत्राधिकार में नहीं आता। विधानसभा राज्यपाल के नीचे काम नहीं करती। कुल मिलाकर राज्यपाल विधानसभा के लोकपाल की तरह काम नहीं कर सकते।
कमलनाथ ने 13 घंटे में लिखी दूसरी चिट्ठी में कहा- ”आपने यह मान लिया है कि मेरी सरकार बहुमत खो चुकी है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने भाजपा से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ऐसा माना है। भाजपा ने कांग्रेस के 16 विधायकों को बंधक बना रखा है। भाजपा के नेता इन विधायकों पर दवाब डालकर उनसे बयान दिलवा रहे हैं।
प्रदेश के बंदी विधायकों को स्वतंत्र होने दीजिए। 5-7 दिन खुले वतावारण में बिना दबाव के घर में रहने दीजिए ताकि वो स्वतंत्र मन से अपना निर्णय ले सकें। आपने कहा है कि 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराने पर यह माना जाएगा कि मुझे वास्तव में बहुमत प्राप्त नहीं है, यह पूरी तरह से आधारहीन और असंवैधानिक है।”
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