
अशाेक यादव, लखनऊ। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कहा कि हमें एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है जिसमें महिलाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ खुद को व्यक्त कर सकें। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि हमें ऐसा माहौल सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जिसमें महिलाएं शब्दों और कार्यों- दोनों तरह से अपनी पूरी क्षमता के साथ खुद को व्यक्त कर सकें।
इस मौके पर उन्होंने सदन की महिला सदस्यों और महिला नागरिकों द्वारा देश के विकास में दिए गए योगदान की सराहना की। सभापति ने कहा कि वह कामना करते हैं कि उन्हें भविष्य में भी अधिक शक्ति मिले। नायडू ने कहा कि आज आठ मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है जो पूरे विश्व में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने तथा उनके दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयासों का सम्मान करने का दिन है।
उन्होंने कहा कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को उनका हक सुनिश्चित करने के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर गौर करने का भी दिन है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र का विषय “नेतृत्व में महिलाएं : कोविड-19 दुनिया में समान भविष्य की प्राप्ति” है। उन्होंने कहा कि यह विषय कोविड-19 महामारी से उबरने और समान भविष्य को आकार देने में दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों द्वारा किए गए जबरदस्त प्रयासों को रेखांकित करता है।
नायडू ने कहा कि कोविड-19 सदी में एक बार आने वाला स्वास्थ्य संकट है और इसने संकट से लड़ने के मानव संकल्प की परीक्षा ली है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में और भारत में भी महिलाएं इस महामारी से मुकाबला करने में सबसे आगे रही हैं।
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