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एक ऐसे रामराज्य का संकल्प लें जहां न हो छुआछूत का कलंक एवं मिल सके न्याय : शिवपाल सिंह यादव

राहुल यादव, लखनऊ। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सभी की आस्था के प्रतीक हैं । राम तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भी आदर्श थे । गांधी जी के लिए राम राज्य की संकल्पना का अर्थ था एक पारदर्शी और जवाबदेह लोकतंत्र । गांधी जी जिस रामराज्य की बात करते थे वह न्याय पर आधारित एक मुकम्मल समाज की अवधारणा थी । जहां राम और रहीम को बराबरी का अधिकार मिले ।

प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  शिवपाल सिंह यादव ने सभी को राम मंदिर के शिलान्यास के लिए शुभकामनाएं देते हैं कहा है कि निश्चय ही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में प्रस्तावित भव्य राम मंदिर के शिलान्यास का अवसर सभी भारतीयों के लिए एक सुखद क्षण है । लंबे समय से चल रहे एक विवाद का संवैधानिक दायरे में निपटारा होना हमारे लोकतंत्र की ताकत है । इस शुभ अवसर पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए । सम्पूर्ण राष्ट्र प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए तैयार है । 


 एक ऐसे रामराज्य का संकल्प लें जहां छुआछूत का कलंक न हो एवं दलितों , अल्पसंख्यकों , पिछड़ों , नौजवानों , अन्नदाताओं , पशुपालकों , आदिवासियों , बुनकरों लघु व मध्यम व्यवसायियों को न्याय मिल सके । साथ ही पढ़ाई , दवाई और सिंचाई मुफ्त हो और रोजी , रोटी व रोजगार की गारंटी हो ।  

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