देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से की. रावत ने कहा कि केन्द्र के दस प्रतिशत आरक्षण के फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए रावत ने कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के आंबेडकर हैं. वह खुद गरीब माता-पिता के बेटे हैं और उन्होंने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के बारे में सोचा.” हालांकि, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान पर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रियाएं आईं. त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान पर यूकेडी यानी (उत्तराखंड क्रांति दल) ने 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले स्वागत किया है.
लेकिन, प्रधानमंत्री की तुलना आंबेडकर से करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं बसपा ने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य योगेश कुमार ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति डॉ भीमराव आंबेडकर के बराबर नहीं हो सकता. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, देशभर में लंबे वक्त से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही थी. उन्हें इस फैसले से बहुत लाभ होने जा रहा है.” गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़े फैसले में, केन्द्रीय कैबिनेट ने ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ वर्गों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी.
बता दें कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आर्थिक आरक्षण के प्रस्ताव वाले इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने पेश किया और पास भी करा लिया. इस बिल के समर्थन में 323 वोट और विरोध में महज 3 वोट पड़े. राज्यसभा में बुधवार को इस बिल को पेश किया जाएगा. इस विधेयक को लेकर मंगलवार को करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया.
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