लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पहली ऐसी भाजपा सरकार सत्तारूढ़ है जहां कोई काम किए बजट के बंदरबांट का व्यापार चल रहा है। यह कैसी विडम्बना है कि मुख्यमंत्री को भी अपने ‘विज्ञापनी विकास‘ का सच तब मालूम पड़ गया जब गत बुधवार को हेलीकाप्टर छोड़कर सड़क मार्ग से वाराणसी तक सवा सौ किलोमीटर की यात्रा में उन्हें खूब हिचकोले लगे। उन्हें गड््ढा मुक्त सड़कें तो दिखी नहीं यह जरूर पता चल गया कि बिना काम किए रकम भी निकल जाती है। यह अचम्भित करता है कि अब मुख्यमंत्री को टेंडर घोटाला दिखाई देने लगा है। पूरे राज्य में सड़कों का बुरा हाल है। ढाई वर्ष में भाजपा सरकार ने पुल-पुलिया तक नहीं बनवाई हैं। भाजपा राज में समाजवादी सरकार के कामों के बार-बार उद्घाटन का उत्सव ही चल रहा है।  आज स्थिति यह है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है हर तरफ अराजकता व्याप्त है। राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या हो रही है। पुलिस मुख्यमंत्री के ठोको निर्देश का पालन करते हुए निर्दोषों को ठोक रही है। जनता को मौका मिलता है तो वह पुलिस को ठोक देती है। लोग दहशत में जी रहे हैं। यह है ठोंको का डरावना चेहरा। उत्तर प्रदेश के हालात पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत गंभीर टिप्पणी की है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुकी हैं, यहां जंगलराज है। भाजपा का बड़बोला नेतृृत्व लोकतंत्र की सभी मान्यताओं को ताक पर रखकर मनमानी को अपना अधिकार मानता है। भाजपा सरकार की नजर में स्याह-सफेद चाहे जो हो, वही कानून है। ध्वस्त कानून व्यवस्था से जनता जिस संत्रास से गुजर रही है, उसकी पड़ताल अब नही होगी तो कब होगी? ढाई वर्ष से भाजपा ने जनता का सिर्फ समय की बर्बादी की है लाखों करेाड़ के बजट का क्या हुआ? भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकलाप की पूरी जांच होनी चहिए, जनता के सामने उसके चाल चरित्र और चेहरे का सच तब सामने आ जायेगा।
आज स्थिति यह है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है हर तरफ अराजकता व्याप्त है। राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या हो रही है। पुलिस मुख्यमंत्री के ठोको निर्देश का पालन करते हुए निर्दोषों को ठोक रही है। जनता को मौका मिलता है तो वह पुलिस को ठोक देती है। लोग दहशत में जी रहे हैं। यह है ठोंको का डरावना चेहरा। उत्तर प्रदेश के हालात पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत गंभीर टिप्पणी की है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुकी हैं, यहां जंगलराज है। भाजपा का बड़बोला नेतृृत्व लोकतंत्र की सभी मान्यताओं को ताक पर रखकर मनमानी को अपना अधिकार मानता है। भाजपा सरकार की नजर में स्याह-सफेद चाहे जो हो, वही कानून है। ध्वस्त कानून व्यवस्था से जनता जिस संत्रास से गुजर रही है, उसकी पड़ताल अब नही होगी तो कब होगी? ढाई वर्ष से भाजपा ने जनता का सिर्फ समय की बर्बादी की है लाखों करेाड़ के बजट का क्या हुआ? भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकलाप की पूरी जांच होनी चहिए, जनता के सामने उसके चाल चरित्र और चेहरे का सच तब सामने आ जायेगा।
उत्तर प्रदेश में बजट के बंदरबांट का व्यापार चल रहा: अखिलेश यादव
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