पेशावर. पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रोविंस के एक मिनिस्टर ने नवाज शरीफ सरकार को चेताया है। सीनियर इरीगेशन एंड सोशल वेलफेयर मिनिस्टर सिकंदर हयात खान शेरपाव ने कहा, “फॉरेन मिनिस्टर के न होने से अपनी एबनॉर्मल (असामान्य) फॉरेन पॉलिसी के चलते देश इंटरनेशनल लेवल पर अलग-थलग पड़ने की ओर चल रहा है।” परमानेंट फॉरेन पॉलिसी तैयार करने की जरूरत…
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक शनिवार को मीडिया से बातचीत में मिनिस्टर शेरपाव ने कहा, “इस मसले पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।” उन्होंने चेतावनी दी, “अगर फेडरल गवर्नमेंट ने इस सच्चाई को नजरअंदाज करना जारी रखा तो पाकिस्तान इंटरनेशनल लेवल पर वाकई में अलग-थलग पड़ जाएगा।”
– सिकंदर हयात खान शेरपाव खैबर-पख्तूनख्वा प्रोविंस के इरीगेशन एंड सोशल वेलफेयर मिनिस्टर हैं।
– ये कौमी वतन पार्टी (QWP), खैबर पख्तूनख्वा चैप्टर के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट भी हैं।
ट्राइबल एरिया-खैबर पख्तूनख्वा के मर्जर का सपोर्ट
– शेरपाव ने कहा कि उनकी पार्टी फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियाज (FATA) और खैबर पख्तूनख्वा के मर्जर के समर्थन में है। उन्होंने कहा, “इस काम में कोई देरी हुई तो ट्राइबल रीजन को आतंकवाद दोबारा जकड़ लेगा।” 
– उन्होंने कहा, “कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों की वजह से जानबूझकर इस मर्जर में देरी कर रहे हैं।”
– द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने मिनिस्टर शेरपाव के हवाले से कहा, “पाकिस्तान को अपने करीबी दोस्तों के लिए वास्तव में अपनी फॉरेन पॉलिसी पर फिर से विचार करना चाहिए। पाक गलत फॉरेन पॉलिसी के चलते अपने दोस्तों जैसे अफगानिस्तान और ईरान को खो रहा है।”
– शेरपाव ने खैबर पख्तूनख्वा के एनर्जी प्रोजेक्ट-मुंडा डैम में ज्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं करने के चलते सत्तारूढ़ PML-N गवर्नमेंट की आलोचना भी की। कहा, “इस तरह के रवैये से फेडरेशन की स्पिरिट को नुकसान होगा।”
– इसी साल 21 मई को हुई सऊदी समिट में पीएम नवाज शरीफ को बोलने का मौका नहीं मिला था। जबकि बाकी छोटे मुस्लिम देशों के नेताओं ने स्पीच दी थी।
– अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प भी समिट में शामिल हुए थे। उन्होंने आतंकवाद के शिकार देशों में भारत का नाम तो लिया, लेकिन पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं किया।
– समिट में किनारे किए जाने पर शरीफ की पाकिस्तान मीडिया और वहां के अपोजिशन लीडर्स ने काफी आलोचना की थी।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat