
राहुल यादव, लखनऊ। अखिलेश यादव ने कहा है कि जनता भूख, बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है, किसान अभी भी अन्याय का शिकार है और नौजवान के आगे अंधेरा भविष्य है फिर भी भाजपा झूठे प्रचार से बाज नहीं आ रही है। किया कुछ नहीं पर ढिंढोरा आसमान तक पीट रहे हैं। जनता पर अब इस सबका कोई असर नहीं पड़ने वाला हैं। सभी ने मन बना लिया है कि इस बार सन् 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हटाना और समाजवादी पार्टी को सत्ता में लाना है।
   भाजपा राज में कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब जनपदों में अपहरण, लूट, हत्या और बलात्कार की घटनाएं न घटती हों। पुलिस हिरासत में मौतों और फर्जी एनकाउंटरों के मामलों में तो उत्तर प्रदेश की देश-दुनिया में बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री जी दावे तो बड़े-बड़े करते हैं पर नतीजा शून्य रहता है।
   प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री इन दिनों सभी लखनऊ में डीजीपी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। शानदार सिग्नेचर बिल्डिंग समाजवादी सरकार में बनी थी। वहां स्थापित डायल 100 (अब 112) को बर्बाद कर दिया गया। स्मार्ट पुलिसिंग इन्डेक्स 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश सबसे नीचे की श्रेणी में आता है। बिहार समग्र पुलिसिंग में सबसे कम स्कोर (5.74) पर था उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान 5.82 पर है। उत्तर प्रदेश को सहायक और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में 5.59 निष्पक्ष और निष्पक्ष पुलिसिंग में 5.27 और पुलिस जवाबदेही में 5.80 स्कोर किया है। सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस पर सबसे कम भरोसा है।    
   मेरठ के रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। जनपद के भावनपुर में शादी समारोह के दौरान लड़की के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। लड़की दूल्हे की भांजी थी और शादी के मण्डप से उसका अपहरण किया गया था। जिस कमरे के बाथरूम में लड़की की लाश मिली उसी कमरे में नशे में धुत एक पुलिसकर्मी भी था।
   उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में एक नेत्रहीन विधवा की तीन बेटियों द्वारा आत्महत्या की खबर बेहद दुखदाई है। पूरा परिवार गरीबी से जूझ रहा था। एक बेटा दिहाड़ी पर मजदूरी करता है तो बेटियां गांव में ही दूसरों के खेतों में कटाई-मड़ाई करती थी। लकड़ियां बीनकर लाती थी तो चूल्हा जलता था। भाजपा सरकार में जरा भी संवेदना हो तो नेत्रहीन परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
   उक्त घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। अपराधों की बाढ़ थम नहीं रही है। भाजपा राज में अपराधी बेखौफ हैं और उन्हें सत्ता का खुला संरक्षण मिल रहा है। जब देश के गृहमंत्री के साथ लखीमपुर काण्ड के आरोपित का परिवार मंच साझा करे तो पुलिस व न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है? राजनीति में शुचिता के तिरस्कार और नैतिकता के बहिष्कार का यह विचलित कर देने वाला उदाहरण है। जनता अपने साथ भाजपा द्वारा होने वाले क्रूर मजाक को अब बर्दाश्त नहीं करेगी। वह तो भाजपा से तत्काल मुक्ति की आकांक्षी है।  
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