काबुल: अफगानिस्तान में बच्चों का ऐसा खौफनाक सच सामने आया है कि जिसे जानकर दिल दहल जाएगा। इस खौफनाक सच के पीछे और कोई नहीं बल्कि यहां मौजूद आतंकी संगठन ही हैं। यह आतंकी संगठन अपने स्वार्थ के लिए बच्चों को चलते फिरते बम या यूं कहें कि सुसाइड बाम्बर में बदल रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि इसमें बच्चों की उम्र 8 वर्ष तक है। अफगानिस्तान में बच्चों की यह तस्वीर किसी को भी झंकझोरने के लिए काफी है। सुसाइड बंबर बनने वाले या इसकी तैयारी करने वाले करीब 47 बच्चे काबुल में बादाम बाग के जुवेनाइल डिटेंशन सेंटर में सलाखों के पीछे हैं। इनमें सो कुछ को अपने जुर्म के बारे में सही से पता भी नहीं है। इनमें ज्यादातर आठ से दस वर्ष की उम्र के बच्चे हैं। देश की सुरक्षा को इनसे खतरा है, लिहाजा ये सभी सलाखों के पीछे हैं।
इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्घ्हें अपनी गलती का एहसास है और उन्हें इस बात का मलाल भी है। कई बच्चों को इस बात को लेकर दुख है कि उनसे ईद पर मिलने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया। लेकिन वह इस सबके लिए खुद को ही जिम्मेदार भी मानते हैं। सलाखों के पीछे मौजूद इन 47 बच्चों पर सुसाइड बाम्बर बनकर धमाके करने का आरोप है। ऑथरिटी इस बात को लेकर भी काफी परेशान है कि इन बच्घ्चों को मिली सजा के पूरी होने के बाद आखिर इनका क्या होगा। इन बच्चों को 2 से 10 वर्ष तक की सजा मिली है। रिपोर्टर को यहां तक जाने के लिए अफगान मंत्रालय की इजाजत लेनी पड़ी। इस दौरान कई बच्चों ने रिपोर्टर से बात करने को मना कर दिया तो कुछ सामने भी आए। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यहां मौजूद बच्चों में जहां आठ वर्ष की उम्र के बच्चों के होने की भी बात सामने आई वहीं अधिकारियों की मानें तो यहां पर मौजूद बच्चों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच है। इनमें से कुछ को सजा हो चुकी है तो कुछ का ट्रायल बाकी है। इन बच्चों को अलग अलग जगहों से गिरफ्तार कर यहां पर लाया गया है। इन बच्चों को सुसाइड बाम्बर बनाने के पीछे तालिबान है। बच्चे इस बारे में बताते हैं कि उन्हें तालिबान ने जबरन सुसाइड बाम्बर बनाया।
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