
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : ग्यारहवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस वर्ष “एक धरती, एक सेहत” विषय के साथ पूरे विश्व में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसी क्रम में उच्च न्यायालय, लखनऊ द्वारा शनिवार, न्यायालय परिसर में एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय, लखनऊ अताउ रहमान मसूदी, अन्य न्यायमूर्तिगण, न्यायालय के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण एवं अन्य प्रतिष्ठित सदस्यगण ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशिक्षित योगाचार्य डॉ. त्रिभुवन यादव के मार्गदर्शन में किया गया, जिन्होंने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराते हुए उनके शारीरिक एवं मानसिक लाभों की विस्तार से जानकारी दी।
योग सत्र के समापन पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति अताउ रहमान मसूदी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए योगाचार्य द्वारा दिए गए प्रशिक्षण की सराहना की। उन्होंने उपस्थित जनों को योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में सम्मिलित करने के लिए प्रेरित किया।
न्यायमूर्ति ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर की आवश्यकता को समझते हुए योग को अपनाना चाहिए। योग न केवल मस्तिष्क को सशक्त करता है, अपितु आंखों, हाथों, पैरों एवं अन्य सभी अंगों को भी मजबूत बनाता है। योग के माध्यम से ही मन, मस्तिष्क और शरीर को सुदृढ़ रखा जा सकता है।
न्यायमूर्ति द्वारा सभी से आह्वान किया गया कि वे योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं एवं स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हों।