
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, दिल्ली : दिवाली रोशनी का त्यौहार है, लेकिन क्या कभी सोचा है उन लोगों के बारे में जो इस रोशनी को देख नहीं पाते? उनके लिए उजाला कैसा होता होगा ? वो दुनिया कैसे देखते होंगे? कैसे किसी चीज को महसूस करते होंगे ? इस सोच को सच करते हुए, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने आवाज़ों के माध्यम से इस बार दिवाली को कुछ अलग और खास बनाया। ‘साउंड ऑफ दिवाली’ अभियान के तहत बैंक ने दिवाली की खुशियों को सुनने का मौका दिया उन लोगों को, जो इसे देख नहीं सकते।
इस पहल के जरिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत सात शहरों में 800 दृष्टिबाधित लोगों तक खुशी की यह आवाज़ पहुँची। खास बात यह रही कि दृष्टिबाधितों के लिए सबसे बड़े ऑडियो दिवाली ग्रीटिंग्स वितरण अभियान के रूप में यह पहल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई। इस अनुभव का गहरा संदेश था- “कुछ लोगों के लिए दिवाली ऐसी होती है, खुशियों की आवाज़ तो सुनाई देती है, लेकिन रोशनी दिखाई नहीं देती।”
उज्जीवन एसएफबी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर लक्ष्मण वेलायुथम ने कहा, “दिवाली रोशनी का पर्व है, लेकिन दृष्टिबाधित समुदाय के कई लोगों के लिए यह आवाज़ों और गर्मजोशी से महसूस किया जाने वाला त्यौहार है। ऑडियो-सक्षम साउंड दीयों से लेकर वीआर अनुभवों तक, हमारा उद्देश्य तकनीक के जरिए लोगों और समुदायों को करीब लाना था, ताकि हर कोई दिवाली की खुशी मना सके। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की यह मान्यता इस विश्वास को और मजबूत करती है कि सच्ची समावेशिता विविधता को अपनाने से ही शुरू होती है।”
अभियान में ‘साउंड दीए’ पेश किए गए, ऐसे दीए जिनमें दिवाली की शुभकामनाओं के संदेश रिकॉर्ड थे। साथ ही, ‘साउंड ऑफ दिवाली वैन’ ने पूरे उत्तर प्रदेश में घूमकर लोगों को वीआर अनुभव दिया, जहाँ वे कुछ पलों के लिए उस दुनिया को महसूस कर सके।
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