
सूर्योदय भारत समाचार सेव, जबलपुर : वर्ष 2025 भारतीय रेल के सुरक्षा इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। विशेष रूप से पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल ने स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच संस्करण 4.0 को सफलतापूर्वक लागू कर देश को एक नई दिशा दी है।
30 जुलाई 2025 को कोटा क्षेत्र में कवच संस्करण 4.0 का प्रथम बार कमीशनिंग किया गया, जो भारतीय रेल में इस उन्नत स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली का पहला सफल प्रयोग रहा। इसके पश्चात मिशन मोड में कार्य करते हुए कोटा कवच टीम ने 27 अक्टूबर 2025 को कोटा–नागदा खंड (225 किलोमीटर) पर भी कवच 4.0 का कमीशनिंग पूर्ण किया।
इस उपलब्धि के साथ ही मथुरा–नागदा 549 किलोमीटर लंबे व्यस्त दिल्ली–मुंबई रेल मार्ग को पूरी तरह कवच संस्करण 4.0 से संरक्षित किया गया, जिससे यह देश का सबसे लंबा, सबसे तेज़ तथा पहला निरंतर कवच 4.0 कॉरिडोर बन गया है। यह कॉरिडोर रिकॉर्ड समय में पूर्ण किया गया है, जिसे अब भारतीय रेल के अन्य जोन एवं मंडलों में भी अपनाया जा रहा है।
कवच संस्करण 4.0 एक अत्याधुनिक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (Automatic Train Protection) है, जो सिग्नल उल्लंघन, आमने-सामने की टक्कर एवं मानवीय त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है। यह प्रणाली 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति पर सुरक्षित रेल संचालन सुनिश्चित करती है और वर्तमान में विश्व के चुनिंदा विकसित देशों में ही उपलब्ध उन्नत तकनीकों के समकक्ष है।
कवच संस्करण 4.0 का प्रथम कमीशनिंग कोटा क्षेत्र में होना भारतीय रेल की सुरक्षित, स्मार्ट एवं आत्मनिर्भर रेल व्यवस्था के निर्माण की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का मार्गदर्शन, समर्थन एवं व्यक्तिगत सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
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