
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में ट्रांसमिशन सिस्टम के आधुनिकीकरण से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के विशाल एवं जटिल ट्रांसमिशन नेटवर्क को और अधिक बेहतर, कुशल तथा परिणामोन्मुख बनाना रहा।अपने संबोधन में ऊर्जा मंत्री शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड आज देश की सबसे प्रमुख और भरोसेमंद ट्रांसमिशन यूटिलिटीज में से एक है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश लगातार कई वर्षों से देश का सर्वाधिक पीक लोड वाला राज्य रहा है और हाल ही में 31,486 मेगावाट की अधिकतम विद्युत मांग को सफलतापूर्वक संभालना प्रदेश के मजबूत ट्रांसमिशन नेटवर्क, बेहतर योजना और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है।

मंत्री शर्मा ने कहा कि विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण—तीनों स्तरों पर ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में लगभग डेढ़ लाख ऐसे गांवों और बसावटों तक विद्युत पहुंचाई गई है, जहां पहले बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।उन्होंने आगे कहा कि ग्रीन एनर्जी और सोलर पावर के क्षेत्र में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। सोलर एनर्जी की क्षमता लगभग 130 गीगावाट तक पहुंच चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भागीदारी है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के विकास में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है।

कार्यक्रम में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण तथा चेयरमैन आशीष गोयल ने भी अपने संबोधन में विद्युत ट्रांसमिशन व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़, आधुनिक तथा विश्वसनीय बनाने पर जोर दिया।
एमडी मयूर माहेश्वरी और पंकज कुमार, विद्युत विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश भर से आए अधीक्षण अभियंता,अधिशाषी अभियंता आदि शामिल रहे।
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