
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में वुधवार 10 दिसम्बर को विधि विभाग की ओर से आयोजित द्विदिवसीय युवा संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता ‘नवभारत लोकमंथन’ का समापन हुआ। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के तौर पर बाल विकास, पुष्टाहार एवं महिला कल्याण राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार श्रीमती प्रतिभा शुक्ला उपस्थित रहीं। इसके अतिरिक्त मंच पर विधि अध्ययन विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार चढ्ढा, विधि विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सुदर्शन वर्मा, डॉ. अनीस अहमद एवं डॉ. विष्णुपति त्रिपाठी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय कुलगीत गायन के पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि को पौंधा भेंट करके उनका स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि एव बाल विकास, पुष्टाहार एवं महिला कल्याण राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए सबसे आवश्यक है अपना लक्ष्य स्पष्ट रखें और उस दिशा में निरंतर आगे बढ़ते रहें। क्योंकि मेहनत और अनुशासन ही ऐसे साधन हैं जो व्यक्ति को सफलता के शिखर तक पहुँचाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी प्रेरित किया कि केवल साक्षर बनना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सच्चे अर्थों में शिक्षित बनना ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य होना चाहिए।
इस अवसर पर प्रो. संजीव कुमार चढ्ढा ने विद्यार्थियों को लोकतंत्र की महत्ता की जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार सुव्यवस्थित लोकतंत्र के माध्यम से नागरिक अपने अधिकारों के साथ जीवन जीता है। साथ ही प्रो. सुदर्शन वर्मा ने भी विद्यार्थियों और प्रतिभागियों को इस प्रकार के कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विषय पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान संसदीय परंपरा के अनुसार प्रतियोगिता को तीन सत्रों डिस्कशन आवर, क्वेश्चन आवर और जीरो आवर में विभाजित किया गया, जिनका मूल्यांकन प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा किया गया। डिस्कशन आवर का मूल्यांकन डॉ. मुजीबुर्रहमान एवं डॉ. अजय खुशवाहा ने किया। क्वेश्चन आवर का मूल्यांकन प्रो. सार्तिक बाग़ एवं डॉ. रचना गंगवार ने किया। जीरो आवर का मूल्यांकन प्रो. विभूति भूषण मलिक एवं डॉ. अनीस अहमद ने किया।
प्रतियोगिता के दौरान सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में शौर्य प्रताप सिंह को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही हाई कमेंडेशन श्रेणी में आर्यन मिश्रा और विशिष्ट श्रेणी में राज पाल,श्रेयांशी सिंह और रवि भूषण को सम्मानित किया गया। यह प्रतियोगिता न केवल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम बनी, बल्कि लोकतंत्र की बारीकियों को समझने का अवसर भी प्रदान किया।
अंत में डॉ. अनीस अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान डॉ प्रदीप कुमार, डॉ. मुजीबुर्रहमान, डॉ. ब्रजेश यादव, डॉ. शष्या मिश्रा, डॉ. खुशनुमा बानो, अन्य शिक्षक, शोधार्थी, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।