
अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : राजधानी लखनऊ में स्थापित किये जा रहे देश का पहला ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। इस चरण के कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह संग्रहालय भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने वाला देश का पहला स्थायी संग्रहालय होगा, जिसे उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना के संयुक्त प्रयास से विकसित किया जा रहा है। यह नौसेना शौर्य संग्रहालय युवा पीढ़ी को भारतीय नौसेना के शौर्य, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान का शाक्षी बनेगा साथ ही नौजवानों में देश प्रेम की भावना को जागृत करेगा।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुधवार इस निमार्णाधीन संग्रहालय स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और संग्रहालय की भावी उपयोगिता के बारे में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम, निदेशक पर्यटन एवं प्रबंध निदेशक यूपीएसटीडीसी, ईशा प्रिया, पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह, एम0डी0 यूपीपीसीएल एस0के0 सिंह तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी शामिल थे।
यह संग्रहालय लखनऊ के एकाना स्टेडियम के निकट 8 एकड़ भूमि पर निर्मित किया जा रहा है। इसकी आधारशिला अक्टूबर 2023 में रखी गई थी और तब से निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से जारी है। संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आधुनिक भारतीय नौसेना युधपोत तक की समुद्री यात्रा को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें प्राचीन भारतीय जहाज निर्माण तकनीक, ऐतिहासिक नौसैना युद्ध तथा चोल व मराठा नौसेना, और आधुनिक सैन्य उपकरणों से जुड़ी जानकारियाँ प्रदर्शित की जाएंगी। संग्रहालय का प्रमुख आकर्षण रिटायर्ड आईएनएस गोमती युद्धपोत होगा, जिसके साथ मौलिक उपकरण जैसे मिसाइल, टॉरपीडो और नौसैनिक तोपें भी प्रदर्शित की जायेगी !