
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि उसने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत निर्वाचन आयोग को 89 लाख शिकायतें दीं लेकिन पार्टी से संबंधित बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) की शिकायतों को स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि गलतियों को सुधारने के लिए फिर से ‘डोर टू डोर’ सत्यापन की जरूरत है।
उनका कहना था कि कांग्रेस ने जो आंकड़े दिए हैं उनकी जांच आयोग को करानी चाहिए। खेड़ा ने यहां ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन से एक दिन पहले संवाददाताओं से कहा, “चुनाव आयोग अपने ‘सोर्स’ के माध्यम से खबरें प्लांट करवाता रहता है कि किसी राजनीतिक पार्टी से कोई शिकायत नहीं आ रही है।” उन्होंने दावा किया कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी ने 89 लाख शिकायतें चुनाव आयोग को दी हैं लेकिन पार्टी के बीएलए की शिकायतें नहीं ली गईं।
उनका कहना था, “जब हमारे बीएलए शिकायत लेकर जाते हैं तो उनसे शिकायतें नहीं ली जातीं। उनसे कहा जाता है कि हम प्रभावित लोगों से शिकायतें लेंगे।” खेड़ा ने सवाल किया कि ऐसे में राजनीतिक दलों और बीएलए की क्या भूमिका है ? खेड़ा ने कहा, “कल एक सितंबर है, चुनाव आयोग में एसएआईआर के तहत शिकायतें दर्ज करवाने की आखिरी तारीख है। ऐसे में हमारे बीएलए ने बिहार के नागरिकों के आवेदन दर्ज करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।”