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ग्रामोदय विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह गरिमा, उल्लास और उत्साह के वातावरण में हुआ संपन्न

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के दीक्षांत प्रांगण में परम्परागत गरिमा, उल्लास और उत्साह के वातावरण में सम्पन्न हुआ। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और दीक्षांत समारोह के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 37 छात्रों को शोध उपाधि व 35 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पदक और 01 विद्यार्थी को नानाजी मेडल मंच से प्रदान किया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार रहे।

दीन दयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन विशिष्ट अतिथि रहे। राष्ट्रीय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली डॉ. अतुल कोठारी ने दीक्षांत उद्बोधन दिया। विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो0 भरत मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन और प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलगुरू ने उपाधि धारकों को दीक्षांत शपथ दिलाई। दीक्षांत शोभायात्रा का नेतृत्व कुलसचिव प्रो. आरसी त्रिपाठी ने किया, जिसमें विद्यापरिषद और प्रबन्ध मण्डल के सदस्य गण सहभागी रहे। दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ0 ललित कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह गहरवार मंचासीन रहे।,

समृद्धि के शिखर पर माता-पिता, समाज और देश को न भूलें : मंगुभाई पटेल

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति मंगु भाई पटेल ने श्रद्धेय नानाजी के कार्यों का पुण्य स्मरण किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि वंचित समुदाय के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना भी है। उन्होंने उपाधि धारकों से कहा कि नानाजी द्वारा स्थापित ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौका आप सभी विद्यार्थियों को सौभाग्य के रूप में मिला है। 

उपाधि और पदक के साथ नानाजी के आदर्शों को भी साथ ले जाएं- इंदर सिंह परमार

विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विष्वविद्यालय की नींव रखने वाले राष्ट्र ऋषि नानाजी देश मुख की जन्म जयंती के अवसर पर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है। नानाजी देशमुख ने समाज के परिवर्तन के लिए चित्रकूट को अपनी कर्मभूमि बनाया। 

*समाज, राष्ट्र मानवता के कल्याण में अपना योगदान देने तत्पर रहें : डॉ. अतुल कोठारी

राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास डॉ. अतुल कोठारी ने दीक्षांत भाषण में कहा कि किसी भी विद्यार्थी के लिए यशस्वी और सार्थक जीवन का यही अर्थ है कि वह अपने व्यवसायी जीवन में सफलता प्राप्त करके स्वयं के परिवार का निर्वाह करते हुए समाज के लिए भी कुछ योगदान करने में सक्षम बनें।

विद्यार्थी वक्त के अनुसार अपने स्व को पहचाने और हर मामले में स्वदेशी बने : अभय महाजन

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारत रत्न नानाजी देश मुख ने 75 वर्ष की आयु में चित्रकूट आकर यहां के समाज और वंचित समुदाय के साथ संवेदना के साथ जुडकर चित्रकूट को अपनी कर्मभूमि बनाया। 

शिक्षा के साथ स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख करने का प्रयास : प्रो. भरत मिश्रा

समारोह के आरम्भ में विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. भरत मिश्रा ने प्रगति प्रतिवेदन और स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा, शोध, प्रसार और प्रशिक्षण के परम्परागत आयामों के साथ-साथ संसाधन सृजन का नया आयाम जुडा है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एव प्रत्ययन परिषद (नेक) द्वारा विश्वविद्यालय को ए डबल प्लस ग्रेड से सम्मानित किया गया है। साथ ही विश्व विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा श्रेणी एक के रूप विश्वविद्यालय को स्वायत्तता का स्तर प्रदान किया है। 

दीक्षांत शोभा यात्रा ने मन मोहा

दीक्षांत परम्परा के अनुसार शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। शोभा यात्रा का नेतृत्व मंच पर जाते समय कुलसचिव प्रो. आरसी त्रिपाठी ने किया। साथ में प्रबन्ध मंडल  के सदस्य गण डॉ आर पी सिंह रीवा, डॉ एन के जैन दिल्ली, प्रो टी आर शर्मा जबलपुर, शिव कुमार सिंह सोमवंशी सतना, डॉ पूर्णिमा दाते भोपाल, इंजी ब्रजेश कुमार शुक्ल रीवा, डॉ राकेश बाजपेई जबलपुर, विवेक विनायक राव धोग़ढी वर्धा, विजय पाल सिंह यादव सतना, धर्मेंद्र सिंह बिसेन सतना, मुकुंद तिवारी सतना

और विद्या परिषद सदस्य
प्रो प्रमोद कुमार पांडेय शहडोल सहित ग्रामोदय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। भारतीय परम्परागत वेशभूषा में सजे अतिथियों से शोभायात्रा की रौनक देखते ही बनती थी। रंगीन केसरिया साफा, कुर्ता पायजामा में जैसे भारतीय संस्कृति जीवंत हो उठी।

दीक्षांत समारोह में नियमित पाठ्यक्रम की कुल 799 उपाधियां प्रदान की गई

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में नियमित पाठ्यक्रम में 799 उपाधियां विद्यार्थियों को प्रदान की गई। जिनमें 762 स्नातक और स्नातकोत्तर तथा 37 पीएचडी की उपाधियां षामिल हैं। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मंच से 35 सर्वश्रेष्ठ उपाधि धारियों को गोल्ड मेडल तथा कृषि संकाय की दिशा साहू को नानाजी देशमुख स्मृति स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर विश्व विद्यालय के दूरवर्ती अध्ययन एवं सतत शिक्षा केन्द्र में 5310 स्नातकोत्तर, 3758 स्नातक तथा मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के 3414 स्नातकों और 12341 स्नातकों को उपाधियां प्रदान की गई।

इस मौके पर पूज्य संत महात्मा, पद्मश्री डॉ बी के जैन, जे आर दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पांडेय, नगर पंचायत अध्यक्ष साधना पटेल सहित गणमान्य नागरिक, अभिभावक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और अध्ययन कर रहे छात्र छात्रों ने सहभागिता की।

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