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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष के पास आउट विद्यार्थियों को वितरित किए गए टैबलेट

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ में शुक्रवार 25 जुलाई को अंतिम वर्ष (पास आउट) के विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू स्वामी विवेकानंद योजना के अंतर्गत टैबलेट वितरित किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर वोकेशनल एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सैक्रेटरी एवं आईएएस अधिकारी डॉ. हरि ओम उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. नरेंद्र कुमार, प्रो. शरद सोनकर एवं डॉ. तरूणा उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल एवं आईएएस अधिकारी डॉ. हरि ओम द्वारा विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान किए।

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए संदेश देते हुए कहा भारतीय विचारधारा के अनुसार कार्य करने से न केवल सामाजिक और आत्मिक संतुलन बना रहता है, बल्कि पर्यावरण को भी कोई क्षति नहीं पहुँचती, क्योंकि यह प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व पर बल देती है। हमारी गुरु-संत परंपरा आत्मज्ञान और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर जीवन को दिशा देती है। साथ ही भारतीय ज्ञान-दर्शन यह सिखाता है कि कार्य करते समय ‘सिंपल डाउन’ की थ्योरी यानी सादगी, संतुलन और सहजता को अपनाना चाहिए। जहां पाश्चात्य संस्कृति भौतिकवाद और उपभोक्तावाद पर केंद्रित है, वहीं भारतीय दृष्टिकोण आत्मिक और समग्र विकास को महत्व देता है।

प्रो. मित्तल ने बताया कि हमारे दर्शन में पंचकोश, अन्नमय (भौतिक शरीर), प्राणमय (ऊर्जा शरीर), मनोमय (मानसिक शरीर), विज्ञानमय (बुद्धि शरीर) और आनंदमय (आनंद का शरीर) सभी का विशिष्ट महत्व है, जो मानव के बहुआयामी विकास को दर्शाते हैं। योग इन सभी कोशों के बीच संतुलन स्थापित करता है और शरीर तथा चेतना को जोड़ता है। इसके अतिरिक्त आज की युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे अपने भीतर छिपी प्रतिभा का उपयोग करें और स्टार्टअप के माध्यम से समाज को प्रेरित करें, जिससे आत्मनिर्भर और जागरूक भारत का निर्माण संभव हो सके।

मुख्य अतिथि डॉ. हरि ओम ने चर्चा के दौरान कहा कि विद्या उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जित करना नहीं है, बल्कि यह हमें विवेक और समझ प्रदान करना भी है। असली विद्या वह है जो हमें यह सिखाती है कि किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए, क्या सही है और क्या गलत। यह हमारे जीवन में नैतिकता और समझदारी का विकास करती है। इसके अतिरिक्त सरकार हमें अनेक संसाधन प्रदान करती है, परंतु उनका सदुपयोग हमारे हाथ में होता है। डॉ. हरि ओम ने बताया कि हमारी सोच और निर्णयों का ही हमारे जीवन और समाज पर असर पड़ता है। इसलिए, विद्या का सही उपयोग ही हमारी सफलता और समाज की उन्नति के लिए जरूरी है।

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने टैबलेट प्राप्त कर हर्ष और उत्साह व्यक्त किया, जिससे उनके चेहरों पर प्रसन्नता स्पष्ट रूप से देखी गई। यह पहल विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डीएसडब्ल्यू प्रो. नरेंद्र कुमार ने बताया कार्यक्रम के प्रथम एवं द्वितीय चरण में उन विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए गए, जिनका डाटा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वेरिफाई किया गया था।

समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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