
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : जैसे-जैसे रोशनी का त्यौहार पास आता है, वातावरण में दीयों की चमक, मिठाइयों की खुशबू और पुरानी यादों की मिठास घुलने लगती है। इस दिवाली, सन नियो की तीन लोकप्रिय अभिनेत्रियाँ ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ की मेघा रे, ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ की गौरी शेलगांवकर और ‘सत्या साची’ की आनंदिता साहू ने अपने बचपन की दिवाली की यादों और इस साल के उत्सव की तैयारियों को साझा किया।
‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ में दिव्या का किरदार निभा रहीं मेघा रे बताती हैं, “नवरात्रि के बाद ही एक अलग-सी खुशी महसूस होती है, क्योंकि दिवाली के आने की बेसब्री बढ़ जाती है। इस साल मैं दिवाली अपने परिवार के साथ-साथ ‘दिव्य प्रेम’ के सेट पर अपनी नई फैमिली के साथ भी मनाऊँगी।”
प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी में घेवर का किरदार निभा रहीं गौरी शेलगांवकर कहती हैं, “दिवाली हमेशा से मेरा सबसे पसंदीदा त्यौहार रहा है। बचपन से ही जैसे ही त्यौहार का समय आता था, मैं बहुत उत्साहित हो जाती थी। इस साल मैंने ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ की शूटिंग से कुछ दिन की छुट्टी ली है, ताकि घर जाकर परिवार के साथ दिवाली मना सकूँ।
‘सत्या साची’ में सत्या की भूमिका निभा रहीं आनंदिता साहू साझा करती हैं, “कुछ यादें कभी फीकी नहीं पड़तीं और ओडिशा में बिताई मेरी बचपन की दिवाली उन्हीं में से एक है। मुझे याद है, कार्तिक पूर्णिमा के दिन हम सब महानदी के किनारे दीए जलाते थे, पूरा शहर दीयों से जगमगा उठता था और छेना पोड़ा और मंगल मिठाइयों की खुशबू इसे और खूबसूरत बना देती थी।
अधिक जानकारी के लिए देखिए ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ शाम 7:30 बजे, ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी’ रात 9:00 बजे और ‘सत्या साची’, बहुत जल्द, सिर्फ सन नियो पर।