
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : वनवासी राम की तपोभूमि चित्रकूट स्थित केशवगढ़ में चल रहे एकल अभियान वर्ग में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन करने के उपरांत महंत दिव्या जीवन दास ने स्वागत करते हुए कहा कि यह तपस्थली है तप मे शक्ति होती है शक्ति के आगे अन्य दुष्ट शक्तियों शून्य होती है तथा श्रीराम नाम का संकीर्तन कराया बतौर मुख्य वक्ता के रूप में कानपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक राम जी ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि इस चित्रकूट की धरती पर आने से स्वाभाविक प्रेरणा मिलती है क्योंकि इस धरती पर भगवान श्री राम ने तपस्या की है।

भारतीय संस्कृति चिर पुरातन एवं चिर सनातन है। उन्होंने कहां की प्रभु श्री राम जी का जीवन समाज के प्रति समर्पित रहा यदि भगवान राम वन नहीं जाते तो राम नहीं बन पाते भगवान राम ने शोषित ,वंचित, उपेक्षित, वानर ,भालू ,आदि का संगठन करके रावण जैसे राक्षस पर विजय प्राप्त की इसी प्रकार हम सभी संगठन करता प्रत्येक बंधुओं को साथ लेकर के चलेंगे और साथ ही उनके उत्थान का कार्य करेंगे मुगलों ने जब आक्रमण किया था तब महाराणा प्रताप को घास की रोटियां खानी पड़ी थी भारत को स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों को यह चाह नहीं थी की मेरा नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाए बल्कि भारत माता को आजादी मिलनी चाहिए उनकी कामना थी कि भारत भक्ति व देवी शक्ति हमको मिले इस देश में रहने वाले सभी बंधुओं के लिए पूजा पाठ मठ मंदिर तालाब पोखर शमशान सभी के लिए समान है समरस भारत समर्थ भारत होगा !
लल्लन शर्मा केंद्रीय संगठन मंत्री एकल अभियान के कहां की देश के दूर सुरूर क्षेत्रो में संचालित होने वाले एकल विद्यालय जिनकी संख्या एक लाख अठारह हजार है के ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के भाव के साथ सनातन परंपरा कैसे आगे बढ़े इसके लिए कार्यक्रम है !
पंचमुखी शिक्षा के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकर्ता कार्यरत है जिसमें प्राथमिक शिक्षा आरोग्य शिक्षण जागरण शिक्षा ग्राम विकास शिक्षा और संस्कार शिक्षा इस पंचमुखी योजना के माध्यम से हम प्रत्येक ग्रामवासी को स्वस्थ व स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रहे है ग्राम विकास शिक्षा के माध्यम से हम गांव गांव के लोगों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करते हैं । गौमूत्र का प्रयोग करके खेतों में होने वाली फसलों की बीमारियां उनसे कैसे बचाव हो सके।
कामदगिरि पीठ के पीठाधीश्वर डॉ मदन गोपाल दास जी ने कहा कि मानवता के प्रति हिंसक विचार को दूर करना समाज के हित में होगा भगवान राम ने चौरासी कोस की परिक्रमा के स्थान पर विभिन्न प्रकार के वृक्षों को रोपित किया , तथा रामचरित मानस की चौपाई को रेखांकित किया तुलसी तरुवर विविध सुहाये।कहूं कहूं सीय कहुं लखन लगाएं ।
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि भगवान श्री राम ने पिता राजा दशरथ की बात मानकर वन को गए और सूक्ष्म उपलब्धता मैं ही कार्य किया यह देश कृषि एवं ऋषि का है ऋषियों ने देश को एकजुट रखते हुए सामानता एवं मानवता को सिखाया तथा सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया ,का उपदेश दिया कृषि ने समाज को जीवंत रखा !
वर्ग के वर्गाधिकारी डॉक्टर उमेश शुक्ला ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के अन्त में सभी अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर नीरज ठाकुर ,बृजेश सिंह, ओम प्रकाश, राजेश,संजय सूर्या आदि उपस्थित रहे।