
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, जयपुर : सूचीबद्ध स्टेशनों के लिए 48 प्रमुख शहरों की एक व्यापक योजना योजना निदेशालय को प्रस्तुत की जाएगी, वर्ष 2030 तक ट्रेनों की संचालन क्षमता को दोगुना करने के कार्यों में निम्नलिखित शामिल होंगे:
i. मौजूदा टर्मिनलों को अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और पर्याप्त शंटिंग सुविधाओं से सुसज्जित करना।
ii. शहरी क्षेत्र में और उसके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान करना और उन
का निर्माण करना।
iii. रखरखाव सुविधाएं, जिनमें मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स शामिल हैं।
iv. विभिन्न बिंदुओं पर ट्रेनों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए यातायात सुविधा कार्यों, सिग्नलिंग उन्नयन और मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि करना।

जोधपुर एवं जयपुर स्टेशनों के लिए व्यापक कार्य योजना
रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार जोधपुर एवं जयपुर स्टेशनों के लिए एक व्यापक क्षमता वृद्धि योजना तैयार कर प्लानिंग डायरेक्टोरेट को प्रस्तुत की जाएगी।
जयपुर में उपनगरीय स्टेशन खातीपुरा को टर्मिनल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। कोच केयर कॉम्पलेक्स का कार्य 205 रुपए की लागत के साथ प्रगति पर है।
खातीपुरा को सैटेलाइट टर्मिनल के रूप में विकसित करने से जयपुर शहर के मुख्य स्टेशन पर भीड़भाड़ घटेगी, ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा और नए रूटों के संचालन की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी।
इसके अतिरिक्त जयपुर के निकट भट्टो की गली को मेगा कोचिंग टर्मिनल के रूप में विकसित करने की योजना भी प्रस्तावित है। इसके प्रथम चरण के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है ।
जोधपुर में रेल अनुरक्षण सुविधाओं का विस्तार करने के क्रम में भगत की कोठी स्टेशन पर मेंटीनेंस कम वर्कशॉप डिपो का निर्माण 167 करोड़ रुपये की लागत के साथ किया जा रहा है ।
उपरोक्त कार्यों के क्रियान्वित होने से जयपुर और जोधपुर शहर की वर्ष 2030 तक कोचिंग ट्रेनों के हैंडलिंग की क्षमता को बेहतर बनाया जा सकेगा।
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