
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, जयपुर : जयपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट चेकिंग स्टाफ की सतर्कता से फर्जी UTS टिकट के माध्यम से यात्रा करने एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ट्रेन संख्या 12250 से जैसलमेर से जयपुर की यात्रा कर रहे 7 यात्रियों के एक समूह को जांच के दौरान पकड़ा गया। जांच के दौरान टिकट चेकिंग स्टाफ़ हेमराज गुर्जर और दीपक कुमार द्वारा टिकट मांगा गया तो यात्रियों ने मोबाइल फोन पर UTS टिकट दिखाया और बताया कि मूल टिकट उनके पास नहीं है, बल्कि वह उनके एक अन्य साथी के पास है जो स्टेशन से पहले ही उतरकर चला गया है। मोबाइल पर दिखाए गए टिकट में 7 वयस्क यात्रियों का विवरण दर्ज था, जिससे स्टाफ को प्रथम दृष्टया संदेह हुआ, क्योंकि अनारक्षित टिकट केवल चार यात्रियों के लिए जारी होता है।
कड़ाई से पूछताछ करने पर यात्रियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने AI टूल “Gemini” की मदद से टिकट में यात्रियों की संख्या और राशि में हेरफेर की है। मामले की पुष्टि के लिए जैसलमेर स्टेशन के स्टाफ से टिकट विवरण का मिलान किया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि UTS टिकट वास्तव में केवल 1 यात्री के लिए जारी किया गया था, जिसकी कीमत ₹ 215/- थी। पकड़े गए यात्रियों ने इस टिकट की फ़ोटो लेकर डिजिटल रूप से बदलकर 7 यात्रियों का टिकट दर्शाया और राशि ₹ 1505/- दिखा दी। यह स्पष्ट रूप से रेलवे के साथ धोखाधड़ी का प्रयास था।
रेलवे नियमों के अनुसार कार्रवाई करते हुए सभी 7 यात्रियों पर संयुक्त रूप से ₹ 2790/- का जुर्माना लगाया गया तथा क़ानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया की जा रही है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि AI या किसी भी डिजिटल माध्यम से टिकट में छेड़छाड़ करना दंडनीय अपराध है।
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