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रेलमंत्री वैष्णव की मध्यप्रदेश को 24 हज़ार 208 करोड़ रुपये की नई रेल परियोजनाओं की सौगात

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली / जबलपुर : केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को मध्यप्रदेश को रीवा से पुणे, जबलपुर से रायपुर एवं ग्वालियर से केएसआर बेंगलुरु सिटी तीन नई रेल गाड़ियों सौगात की घोषणा की साथ ही पीएम गतिशक्ति योजना के तहत मध्यप्रदेश को 24 हज़ार 208 करोड़ की नई रेलवे परियोजनाओं की सौगात भी दी।

गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक विशेष प्रेस वार्ता में मध्यप्रदेश के रेलवे नेटवर्क को और सशक्त बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं एवं नई रेल गाड़ियों की जानकारी रेल मंत्री ने साझा की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में मध्यप्रदेश को रेल अधोसंरचना के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति मिलने जा रही है।

रेल मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह सभी परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को आत्मनिर्भर एवं तेजगति से विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
इस अवसर पर प्रेस वार्ता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर रेल अधोसरंचनाओं के इस नए युग की शुरुआत से विकास को नई रफ़्तार मिलेगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश के जनजीवन को गति मिलेगी, और औद्योगिक, कृषि एवं पर्यटन क्षेत्रों में भी व्यापक प्रगति होगी। हम प्रधानमंत्री जी और रेल मंत्री जी को मध्यप्रदेश को रीवा से पुणे, जबलपुर से रायपुर एवं ग्वालियर से केएसआर बेंगलुरु सिटी तीन नई रेल गाड़ियों और पीएम गतिशक्ति योजना के तहत मध्यप्रदेश को 24 हज़ार 208 करोड़ की नई रेलवे परियोजनाओं के इस विशेष योगदान के लिए हृदय से आभार प्रकट करते हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मध्य प्रदेश में रेल संपर्क को सुदृढ़ करने के लिए निम्नलिखित तीन नई रेलगाड़ियों की सौगात दी है।

रीवा – पुणे एक्सप्रेस: यह नई ट्रेन रीवा से जबलपुर होते हुए पुणे तक चलाई जाएगी। इससे विंध्य क्षेत्र से महाराष्ट्र की ओर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को सीधा और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा।

जबलपुर – रायपुर एक्सप्रेस: यह सेवा जबलपुर से नैनपुर और गोंदिया होते हुए रायपुर तक चलेगी, जिससे महाकौशल और छत्तीसगढ़ के बीच यात्री आवागमन में सुविधा और तीव्रता आएगी।

ग्वालियर – केएसआर बेंगलुरु सिटी एक्सप्रेस: यह ट्रेन ग्वालियर से गुना और भोपाल होते हुए बेंगलुरु तक संचालित की जाएगी, जिससे मध्यप्रदेश से दक्षिण भारत के बीच सीधी रेल सेवा उपलब्ध होगी।

इन तीनों नई रेलगाड़ियों के शुरू होने से मध्य प्रदेश के यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, यात्रा अधिक सुगम होगी और प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत मध्यप्रदेश में चार प्रमुख रेलवे परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 565 किलोमीटर है और कुल लागत ₹ 24,208 करोड़ आंकी गई है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:*

मनमाड – इंदौर नई रेल लाइन (309 किमी, ₹ 18,036 करोड़) – इंदौर, धार, खरगोन एवं बड़वानी जिलों को महाराष्ट्र के नासिक एवं धुले जिलों से जोड़ेगी।

भुसावल – खंडवा तीसरी और चौथी रेल लाइन (131 किमी, ₹ 3,514 करोड़) – माल परिवहन की क्षमता को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम।

प्रयागराज (इरादतगंज) – माणिकपुर तीसरी रेल लाइन (84 किमी, ₹ 1,640 करोड़) – मध्यप्रदेश के रीवा क्षेत्र को उत्तरप्रदेश के चित्रकूट और प्रयागराज से जोड़ेगी।

रतलाम – नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन (41 किमी, ₹ 1,018 करोड़) – यह परियोजना पश्चिम तट के पोर्ट्स से संपर्क बढ़ाने में सहायक होगी।

रतलाम-नागदा खंड की विशेष चर्चा करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि यह खंड चारों दिशाओं में प्रमुख संपर्क बिंदु है। परियोजना के तहत रतलाम से नागदा तक की 41 किलोमीटर दूरी को चार लाइनों में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे इस मार्ग पर लाइन उपयोगिता दर 116% से घटकर 65% रह जाएगी। इससे न केवल पश्चिम तटीय बंदरगाहों जैसे कांडला, मुंद्रा, पिपावाव, हजीरा, दहेज आदि से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं दिल्ली को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि औद्योगिक व कृषि क्षेत्रों को भी तीव्र लाभ मिलेगा।

इस परियोजना के अंतर्गत कुल 6 स्टेशन – रतलाम जंक्शन, बैंगरोड, रनखेड़ा, खाचरोद, बेरावन्या और नागदा जंक्शन – शामिल होंगे। 70 फुट ओवर ब्रिज, 5 बड़े पुल, 3 रेलवे ओवरब्रिज एवं 15 अंडरब्रिज बनाए जाएंगे। "कवच" जैसी आधुनिक सिग्नल प्रणाली एवं 160 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता से यह मार्ग सुसज्जित किया जाएगा।
इस परियोजना के माध्यम से अनुमानित 28 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा तथा CO2 उत्सर्जन में पहले ही वर्ष लगभग 38 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो लगभग 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है !
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