
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : 16वीं अंतर्राष्ट्रीय रेल उपकरण प्रदर्शनी (IREE) का रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उद्घाटन किया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज चौधरी भी उनके साथ मौजूद रहे। ‘भविष्य के लिए तैयार रेलवे’ थीम पर आधारित इस प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में 15 से 17 अक्टूबर 2025 तक किया जा रहा है।
IREE एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल प्रदर्शनी है, जिसमें 15 से अधिक देशों के 450 से अधिक प्रदर्शक टिकाऊ समाधान प्रदर्शित कर रहे हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल के आधुनिकीकरण और विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले 11 सालों में लगभग 35,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैक बिछाए गए हैं और 46,000 किलोमीटर के विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ। भारत में निर्मित रेल इंजन अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य कई देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।

वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 7,000 से अधिक कोच, लगभग 42,000 वैगन और 1,681 लोकोमोटिव का उत्पादन किया गया है। इसके साथ ही देश की पहली 9,000 HP इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का उद्घाटन किया, जबकि 12,000 HP लोकोमोटिव पहले से परिचालन में हैं।
भारतीय रेल माल परिवहन में भी यूएस को पीछे छोड़कर अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क बन चुकी है। बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से प्रगति पर है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम 99% पूरा हो चुका है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।
भारतीय रेल द्वारा एफिल टावर से 35 मीटर ऊँचा चेनाब ब्रिज, भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज पाम्बन, और कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊँचा बइरबी-सायरंग ब्रिज शामिल हैं।
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