शिमला: प्रदेश में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर नकेल कसने के लिए गठित गुणवत्ता नियंत्रण सेल की सिफारिश पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। सिरमौर जिले की एक सड़क की गुणवत्ता खराब मिलने पर पांवटा के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा निर्माण कार्य में घपला करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए भी कहा गया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कुछ समय पहले गुणवत्ता नियंत्रण सेल में नाहन के पलहोडी गांव में हरिजन बस्ती से सिंबलवाडा तक सड़क टारिंग की खराब गुणवत्ता की शिकायत की।
शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव व गुणवत्ता नियंत्रण सेल के अध्यक्ष संजय कुंडू ने पीडब्ल्यूडी के पांवटा डिविजन में आने वाली इस सड़क की गुणवत्ता की जांच के आदेश दे दिए। जांच के लिए एसई दीपक शर्मा की अध्यक्षता में गठित आठ सदस्यीय टीम ने सड़क की विभिन्न मानदंड पर जांच की। जांच के दौरान पता चला कि करीब नौ लाख रुपये से होने वाले टारिंग के काम में ठेकेदार रमनीक ठाकुर ने जमकर खेल किया। यही नहीं मानकों की जांच करने की जिम्मेदारी निभाने में अधिशासी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक ने लापरवाही बरती। जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले में तीन अफसरों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। यही नहीं, ठेकेदार से ही उस सड़क के सुधार के लिए पैसा वसूलने को भी कहा गया है।
PWD के एक्सईएन समेत तीन अफसरों पर गिरेगी गाज, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जारी किए बड़ी कार्रवाई के आदेश
Loading...
Suryoday Bharat Suryoday Bharat