
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, दाहोद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार गुजरात के दाहोद में 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 26 मई का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन उन्होंने 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने कहा, “आज देश निराशा और अंधकार के युग से निकलकर आत्मविश्वास और आशावाद के नए युग में प्रवेश कर चुका है।”

मोदी ने कहा, “140 करोड़ भारतीय एक विकसित भारत के निर्माण में एकजुट हैं।” उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत अब स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, खिलौने, रक्षा उपकरण और दवाओं सहित कई तरह के उत्पादों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल रेल और मेट्रो तकनीक का विनिर्माण कर रहा है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर निर्यात भी कर रहा है। इस प्रगति का एक प्रमुख उदाहरण दाहोद, जहां हजारों करोड़ रुपये की प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ किया गया, को बताते हुए मोदी ने दाहोद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व इसकी आधारशिला रखने को याद किया और गर्वपूर्वक कहा कि अब पहला इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सफलतापूर्वक विनिर्मित किया गया है। उन्होंने लोकोमोटिव को झंडी दिखाकर रवाना किया, जो गुजरात और पूरे देश के लिए गौरव का क्षण था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने घोषणा की कि गुजरात ने अपने रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया है। उन्होंने इसे एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया और इसके लिए गुजरात के लोगों को बधाई दी।
पिछले 10-11 वर्षों में भारत के रेलवे क्षेत्र के त्वरित विकास को रेखांकित करते हुए, मोदी ने मेट्रो सेवाओं के विस्तार और सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत पर जोर दिया, जिससे पूरे देश में कनेक्टिविटी रूपांतरित हो रही है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनें अब लगभग 70 रूटों पर चल रही हैं, जो भारत के परिवहन नेटवर्क को और सुदृढ़ बनाती हैं। उन्होंने अहमदाबाद और वेरावल के बीच एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की घोषणा की। मोदी ने यह भी कहा कि भारत में आधुनिक ट्रेनों का उदय देश की प्रौद्योगिकी में प्रगति की वजह से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोच और इंजन अब घरेलू स्तर पर विनिर्मित होते हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम होती है। मोदी ने कहा, “भारत रेलवे उपकरणों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है।” उन्होंने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच और इंग्लैंड, सऊदी अरब और फ्रांस को ट्रेन कोच निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी और इटली भी भारत से रेलवे से संबंधित कंपोनेंट आयात करते हैं। श्री मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय यात्री कोच मोजाम्बिक और श्रीलंका में उपयोग में लाए जा रहे हैं और ‘मेड इन इंडिया’ इंजनों को कई देशों में निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के निरंतर विस्तार को दर्शाता है तथा राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “एक मजबूत रेलवे नेटवर्क सुविधाएं बढ़ाता है और उद्योगों तथा कृषि को बढ़ावा देता है।” उन्होंने रेखांकित किया कि भारत के कई क्षेत्रों में पिछले दशक में पहली बार रेलवे कनेक्टिविटी मिली है। उन्होंने कहा कि गुजरात के कई क्षेत्रों में पहले केवल छोटी, धीमी गति वाली ट्रेनें थीं, लेकिन अब कई नैरो-गेज मार्गों का विस्तार किया गया है। दाहोद और वलसाड के बीच नई एक्सप्रेस ट्रेन सहित कई रेलवे मार्गों के उद्घाटन, जिससे जनजातीय क्षेत्र को बहुत लाभ होगा, की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारखाने युवाओं के लिए व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दाहोद की रेल फैक्ट्री 9,000 हॉर्स पावर के इंजनों का विनिर्माण करेगी, जिससे भारत की रेलगाड़ियों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि दाहोद में बनने वाले हर इंजन पर शहर का नाम अंकित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में सैकड़ों इंजन बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कारखाना रेलवे के पुर्जे बनाने वाले छोटे उद्योगों को भी समर्थन देगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर फैक्ट्री से परे भी उपलब्ध हैं, जिससे किसानों, पशुपालकों, दुकानदारों और मजदूरों को लाभ मिलता है तथा व्यापक आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होती है।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि दाहोद, वडोदरा, गोधरा, कलोल और हलोल ने सामूहिक रूप से गुजरात में एक उच्च तकनीक इंजीनियरिंग और विनिर्माण गलियारा स्थापित किया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि वडोदरा विमान विनिर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और कुछ ही महीने पहले एयरबस असेंबली लाइन का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि वडोदरा में भारत का पहला गति शक्ति विश्वविद्यालय भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सावली में पहले से ही एक प्रमुख रेल-कार विनिर्माण कारखाना है, जबकि दाहोद में अब भारत के सबसे शक्तिशाली इंजनों- 9,000-हॉर्सपावर इंजन का उत्पादन करने वाली एक सुविधा केंद्र है, जो राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गोधरा, कलोल और हलोल में विनिर्माण इकाइयों, छोटे उद्योगों और एमएसएमई की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जो गुजरात के औद्योगिक विकास में योगदान दे रहे हैं। एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हुए जहां गुजरात का यह क्षेत्र साइकिल और मोटरसाइकिल से लेकर रेलवे इंजन और विमान तक सब कुछ बनाने के लिए जाना जाएगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का उच्च तकनीक इंजीनियरिंग और विनिर्माण गलियारा वैश्विक स्तर पर दुर्लभ है, जो एक औद्योगिक महाशक्ति के रूप में गुजरात की स्थिति को मजबूत करता है।
वडोदरा में हजारों महिलाएं, जो राष्ट्र और उसके सशस्त्र बलों का सम्मान करने के लिए एकत्र हुई थीं, उनकी भारी उपस्थिति की सराहना करते हुए मोदी ने भारत की महिलाओं के प्रति उनके अटूट समर्थन के लिए सम्मान और हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दाहोद त्याग और समर्पण की भूमि है। उन्होंने स्मरण किया कि महर्षि दधीचि ने सृष्टि की रक्षा के लिए दूधमती नदी के तट पर अपना जीवन त्याग दिया था। मोदी ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र ने संकट के समय स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे का साथ दिया और मानगढ़ धाम गोविंद गुरु और सैकड़ों जनजातीय योद्धाओं द्वारा किए गए बलिदान का प्रतीक है। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत के सांस्कृतिक मूल्य अन्याय के कदम उठाने की मांग करते हैं, उन्होंने प्रश्न किया कि क्या जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्र चुप रह सकता था। मोदी ने बताया, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत के मूल्यों और भावनाओं का प्रतिबिंब था।” उन्होंने टिप्पणी की कि आतंकवादियों को अपने कुकृत्यों का कोई अनुमान नहीं था और याद किया कि किस प्रकार बच्चों के सामने उनके पिता की क्रूर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरें आज भी पूरे देश में आक्रोश पैदा करती हैं, क्योंकि 140 करोड़ भारतीयों को आतंकवाद से चुनौती मिली।
मोदी ने घोषणा की कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया, भारत के सशस्त्र बलों को पूरी आजादी दी, उन्होंने दशकों में एक अभूतपूर्व ऑपरेशन को अंजाम दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीमा पार नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों की पहचान कर 22 मिनट में उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई करने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पूरी तरह से धूल चटा दी। मोदी ने भारत के सशस्त्र बलों की वीरता के प्रति सम्मान जताया और दाहोद की पवित्र भूमि से उनके साहस और समर्पण को सलाम किया।
इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
कनेक्टिविटी बढ़ाने और विश्व स्तरीय यात्रा अवसंरचना के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने दाहोद में भारतीय रेलवे के लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया। यह संयंत्र घरेलू उद्देश्यों और निर्यात के लिए 9000 एचपी के इलेक्ट्रिक इंजनों का उत्पादन करेगा। उन्होंने संयंत्र से विनिर्मित पहले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को भी झंडी दिखाई। ये लोकोमोटिव भारतीय रेलवे की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। ये लोकोमोटिव रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से सुसज्जित होंगे और इन्हें ऊर्जा उपभोग को कम करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है, जो पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देता है।
इसके बाद, प्रधानमंत्री ने दाहोद में 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में रेल परियोजनाएं और गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने वेरावल और अहमदाबाद के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस और वलसाड तथा दाहोद स्टेशनों के बीच एक्सप्रेस ट्रेन को भी झंडी दिखाई।