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पीएम धन – धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारम्भ

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, मझगवां- सतना : प्रधानमंत्री द्वारा 2100 से अधिक कृषि परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम 11 अक्टूबर 2025 को सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसान भाई-बहनों को रु. 42000 करोड़ से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उपहार पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारम्भ एवं कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 2100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम 11 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली से किया गया। इस कार्यक्रम को आभाषी माध्यम से दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र, मझगवॉ, सतना में प्रातः 11.00 बजे से कृषकों के लिए प्रसारित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता गणेश सिंह सांसद सतना, मुख्य अतिथि प्रतिमा बागरी, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन, विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र सिंह गहरवार विधायक चित्रकूट, विशिष्ट अतिथि सुष्मिता सिंह परिहार जिला पंचायत उपाध्यक्ष सतना, विशिष्ट अतिथि संजय सिंह कछवाह जिला पंचायत सदस्य सतना, विशिष्ट अतिथि रेणुका जायसवाल अध्यक्ष जनपद पंचायत मझगवॉ, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. नवीन कुमार शर्मा दीनदयाल शोध संस्थान कृषि कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवॉ प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. नवीन कुमार शर्मा, दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र, मझगवॉ, सतना ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी तदुपरांत नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार के द्वारा किसान भाईयों को सम्बोधित का सजीव प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र, मझगवां में किया गया।

कार्यक्रम में राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कृषको संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों को आर्थिक मजबूत करने के लिए कई योजनाओं पर निरंतर कार्य कर रही है ।

सतना सांसद गणेश सिंह ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों के निरंतर विकास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसानों के कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सीधे कृषकों को लाभ पहुचाया जा रहा है साथ ही जैविक एवं प्राकृतिक खेती को अपनाएं।

विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने कृषकों संबोधित करते हुए कहा किसान वही फसल बोये जो बाजार में मांग हो, कम लागत वाली तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में 528 कृषक एवं कृषक महिलाओं की सहभागिता रही साथ ही समसामयिकी पर कृषक परिचर्चा संपन्न हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के समस्त कार्यकर्ताओं का पूर्ण सहयोग रहा।

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