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अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बौद्ध सर्किट से जुड़े लोगों की रुचि, उप्र पर्यटन का बोधि यात्रा के लिए आमंत्रण : जयवीर सिंह

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की दूरगामी नीतियों और निरंतर प्रयासों का सकारात्मक असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। पर्यटन विभाग की जनवरी से सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशांबी, कपिलवस्तु और संकिसा जैसे छह प्रमुख बौद्ध स्थल न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिला रहे हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को लेकर लगातार बढ़ती वैश्विक रुचि देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) के दौरान भगवान बुद्ध से जुड़े प्रदेश के छह प्रमुख स्थलों पर कुल 61,15,850 पर्यटकों ने दर्शन किए, जिनमें 58,44,591 घरेलू तथा 2,71,259 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पर्यटन विभाग का अनुमान है कि वर्ष 2025 के अंत तक इन पवित्र स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 64 लाख के पार जा सकता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विश्व के प्रमुख मंचों जैसे-पैसिफिक एशिया ट्रैवल एसोसिएशन (PATA), जापान टूरिज्म एक्सपो (JATA), आईएफटीएम टॉप रेसा और वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट लंदन (WTM) आदि पर राज्य के बौद्ध सर्किट और भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर रहा है। विभाग द्वारा थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, जापान, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे बौद्ध बहुल देशों के टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) का आयोजन भी किया जाता रहा है।

पर्यटन विभाग की ’’बोधि यात्रा’’ पहल ने उत्तर प्रदेश की वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उपस्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया है।

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