
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने जनपद आजमगढ़ चित्रकूट, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर एवं गोरखपुर के दुग्ध संघों के महाप्रबंधकों को तरल दुग्ध बिक्री में कमी होने पर सख्त चेतावनी देते हुए कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही झांसी के महाप्रबंधक को डेयरी प्लाण्ट के कार्यों में नियमानुसार बजट व्यय न करने पर कार्यवाही करने, माह अप्रैल का वेतन रोकने एवं चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
दुग्ध विकास मंत्री ने सोमवार यहां पीसीडीएफ सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी 19 दुग्ध संघों के दुग्ध महाप्रबंधकों से उनके कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सिंह ने कहा कि गर्मी को देखते हुए पराग के दूध, दही, छाछ, आईसक्रीम आदि उत्पादों की कोई कमी न हो। पराग के उत्पादों की गुणवत्ता में कोई भी समझौता न किया जाए। प्रदेश में पराग की स्वादिष्ट आईसक्रीम के लिए रिटेल आउटलेट्स खोले जाएं सभी प्रकार की पैकेजिंग और फ्लेवर की आईसक्रीम पराग द्वारा बनाई जाए। दिव्यांगजनों को आईसक्रीम विक्रय के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि सभी दुग्ध संघों द्वारा इनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य किया जाएगा। बैठक में जिलायोजना अन्तर्गत समितियों के गठन/पुनर्गठन, नन्दबाबा दुग्ध मिशन, दुग्ध परिवहन में व्यय, दुग्ध उपार्जन, तरल दुग्ध विक्री, मिल्क बूथ, संचालित मिल्क बूथों को कामर्शियल मॉडल पर चलाये जाने, डेयरी प्लाण्ट की उपयोगित क्षमता एवं दुग्ध संघों के लाभ-हानि की समीक्षा की गई।
बैठक में पीसीडीएफ के समन्वयक डॉ0 मनोज तिवारी, डॉ0 संजय भारती, श्रीमती नयनतारा, डेलॉयट के प्रतिनिधिगण एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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