
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : राज्य संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एण्ड कॉलेजेस एवं फ्लोरेसेन्स आर्ट गैलरी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में कला अभिरूचि पाठ्यक्रम के अन्तर्गत कला के विभिन्न आयामों पर आधारित पांच दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन मंगलवार 06 मई, 2025 से किया गया था। इस व्याख्यान श्रृंखला के क्रम में गुटुवार 08 मई, 2025 को राज्य संग्रहालय, लखनऊ में एक महत्वपूर्ण विषय ‘‘समकालीन कला और उत्तर प्रदेश का कला परिदृश्य’’ पर आधारित व्याख्यान का आयेाजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा0 अवधेश मिश्रा, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, ललित कला विभाग, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के आगमन पर किया गया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी डॉ0 मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक के द्वारा किया गया। डा0 सृष्टि धवन, निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निर्देशन में मुख्य अतिथि का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।
20वीं शताब्दी की शुरूआत में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कला एवं शिल्प महाविद्यालय की स्थापना होने से ही यहां औपचारिक कला प्रशिक्षण प्रारम्भ हो गया था। सन् 1920 ई0 में भारत कला भवन और शताब्दी के मध्य में ‘‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’’ में दृश्य कला संकाय की स्थापना होने के कारण प्रदेश में वह दूसरा प्रमुख कला केन्द्र बना। इस तरह इन दोनों बड़े कला केन्द्रों के साथ ही छोटे-छोटे उपकेन्द्रों जैसे-प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, बरेली आदि से भी कलाकार प्रशिक्षित होकर कला की मुख्य धारा से जुड़ने लगे।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से कार्यक्रम प्रभारी डॉ0 मीनाक्षी खेमका सहायक निदेशक सुश्री अलशाज़ फात्मी, सहायक निदेशक, डॉ0 अनिता चौरसिया, प्रमोद कुमार सिंह, सुश्री प्रीती साहनी, श्रीमती शशिकला राय, श्रीमती गायत्री गुप्ता, राहुल सैनी, अनुराग द्विवेदी, मो0 परवेज खान तथा सुश्री पूनम सिंह आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इस अवसर पर उ0प्र0 संग्रहालय निदेशालय, लखनऊ एवं राज्य संग्रहालय, लखनऊ के कार्मिक उपस्थित रहे।