
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार 17 जुलाई को बीबीएयू एवं इंडिया टुडे ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में ‘साइबर फ्रॉड’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह सत्र डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों और धोखाधड़ी से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने ऑनलाइन माध्यम से की। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रॉक्टर प्रो. एम.पी. सिंह, तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के प्रो. के.के. पाण्डेय, इंडिया टुडे ग्रुप के फेक्ट चैक विभाग के एडिटर बालकृष्ण, बीबीएयू की डॉ. लता बाजपेयी सिंह एवं फेक्ट चैक टीम की सुश्री संजना सक्सेना मौजूद रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मंचासीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रॉक्टर प्रो. एम.पी. सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा से अवगत कराया। मंच संचालन का कार्य डॉ. लता बाजपेयी सिंह ने किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने ऑनलाइन माध्यम से सभी को संबोधित करते एवं आयोजकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्तमान समय में डिजिटल क्षेत्र तेज़ी से प्रगति कर रहा है, जिसमें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्रिप्टोग्राफी, 4.0 टैक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी जैसी आधुनिक तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में अग्रणी बन चुका है, जहाँ UPI के माध्यम से सबसे अधिक ट्रांज़ेक्शन दर्ज किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश में लोग तेजी से डिजिटल रूप से आपस में जुड़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रो. मित्तल ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न विभागों में डिजिटलीकरण और इसके साथ जुड़े जोखिमों और अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियों में होने वाली धोखाधड़ी पर प्रकाश डाला। साथ ही कुलपति जी ने डिजिटल साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित शोध (evidence-based research) की अत्यधिक आवश्यकता है, जिससे तकनीकी नवाचारों को सामाजिक और आर्थिक विकास से प्रभावी रूप से जोड़ा जा सके।
इंडिया टुडे ग्रुप के फेक्ट चैक विभाग के एडिटर बालकृष्ण ने प्रोजेक्ट SHIELD के अंतर्गत साइबर सुरक्षा को लेकर सभी को जागरूक किया, ताकि वे डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकें। साथ ही इन्होंने एक इंटरैक्टिव सत्र का संचालन किया। 20 वर्षों से अधिक के प्रसारण पत्रकारिता के अनुभव के साथ, बालकृष्ण ने डिजिटल धोखाधड़ी के विभिन्न प्रकारों, जैसे फिशिंग, ऑनलाइन स्कैम, और डेटा उल्लंघन, के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पीड़ितों की वास्तविक कहानियों और अनुभवों को साझा किया, साथ ही ऐसी वेबसाइटों की जानकारी दी जिनके माध्यम से व्यक्ति यह जांच सकते हैं कि उनका डेटा कितनी बार उल्लंघन का शिकार हुआ है। उन्होंने धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम भी सुझाए, जैसे मजबूत पासवर्ड का उपयोग और संदिग्ध लिंक से बचना आदि।
लगभग चार दशकों से शिक्षा और उद्योग में एक दूरदर्शी अकदमीशियन के रूप में कार्यरत तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के प्रो. के.के. पाण्डेय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में जहाँ तकनीक हमारे जीवन को आसान बना रही है, वहीं साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) जैसी चुनौतियाँ भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। इसीलिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे खतरों से बचने के लिए सतर्कता और साइबर जागरूकता अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त प्रो. पाण्डेय ने बताया कि स्कैमर अक्सर भावनात्मक कहानियों का सहारा लेते हैं, जैसे किसी प्रियजन की दुखद स्थिति का जिक्र कर पैसे की मांग करना। उन्होंने विभिन्न प्रकार के स्कैम, जैसे फोन कॉल स्कैम और सोशल इंजीनियरिंग, के बारे में जागरूकता बढ़ाई और इनसे बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी।
प्रॉक्टर प्रो. एम.पी. सिंह ने बताया कि आज डिजिटल माध्यमों के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर सुरक्षा एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने विशेष रूप से 2020 के बाद से डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस कार्यशाला को डिजिटल साक्षरता और जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कार्यक्रम के दौरान सभी के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें अर्शिया (प्रथम स्थान), विशाल भौमिक, अर्पित सिंह, डॉ. अभिषेक वर्मा एवं जय क्रमवार शीर्ष पांच स्थान पर रहे। विजेताओं को इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
अंत में मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। साथ ही प्रो. एम.पी. सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।