
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : साल के बीतते बीतते आखिर भारत सरकार ने निमेसुलाइड के निर्माण बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा ही दिया जो जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन एवं फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जनहित में निमेसुलाइड (Nimesulide) दवा के उपयोग को लेकर समय-समय पर आवश्यक नियामक कदम उठाए गए हैं। यह निर्णय वैज्ञानिक साक्ष्यों, विशेषज्ञ सलाह एवं जनस्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं।
पूर्व प्रतिबंध (बच्चों के लिए)
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में यह स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि—
12 वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमेसुलाइड का उपयोग प्रतिबंधित (Banned) रहेगा।
ऐसी आशंका पाई गई कि बच्चों में निमेसुलाइड के उपयोग से यकृत (Liver) को गंभीर क्षति (Hepatotoxicity) हो सकती है । इसके साथ ही बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित वैकल्पिक दवाएँ जैसे पैरासिटामोल, इबुप्रोफेन उपलब्ध हैं इसलिए बाल स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी ।
यादव ने बताया कि वर्तमान अधिसूचना (29 दिसम्बर 2025) के अनुसार अब नवीनतम अधिसूचना के माध्यम से, Drugs and Cosmetics Act, 1940 की धारा 26A के अंतर्गत, Drugs Technical Advisory Board (DTAB) से परामर्श के पश्चात भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 100 मि.ग्रा. से अधिक मात्रा में निमेसुलाइड युक्त सभी मुंह से ली जाने वाली (Oral) दवाएँ, जो Immediate Release Dosage Form में हैं, उनके निर्माण, विक्रय एवं वितरण पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है।
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