अनुपूरक न्यूज एजेंसी, पटना। राजद के प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने कहा कि सक्षमता उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को सेवा निरंतरता के लाभ से वंचित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र सौंपने का काम किया है, जोकि वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों के सम्मान के साथ क्रूर मजाक है।
राजद प्रवक्ता ने कहा राज्य सरकार को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान स्पष्ट बताना चाहिए सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों को सेवा निरंतरता, प्रोन्नति और पूर्ण वेतनमान का लाभ मिलेगा या नहीं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर झूठी शान गढ़ने वाली नीतीश सरकार को बताना चाहिए नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा व्यवस्था के मामलों में बिहार फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में क्यों? गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बिहार निचले स्तर पर क्यों? राज्य के 82.99% बच्चे उच्च शिक्षा हासिल क्यों नहीं कर पाते हैं? राज्य के 20.55% बच्चे 10वीं के बाद पढ़ाई क्यों छोड़ देते हैं? राज्य के 64% बच्चे सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी क्यों नहीं कर पाते हैं ? राज्य के 81.1% स्कूलों में कंप्यूटर की व्यवस्था क्यों नहीं है? बिहार में 55 छात्रों पर एक शिक्षक है, जबकि राष्ट्रीय औसत 18 बच्चों पर एक शिक्षक है। बिहार में साक्षरता दर 67.3% ही क्यों है? इसके लिए जिम्मेदार कौन? जबकि 19 वर्षों से नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं।राजद प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन की 17 माह का कार्यकाल को छोड़ दें तो, उसके पहले एनडीए की सरकार ने नियमित शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं किया। चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा क्यों नहीं दिया, जबकि नियोजित शिक्षक लगातार राज्यकर्मी की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति और नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा तेजस्वी यादव के 17 माह के सेवाकाल में ही संभव क्यों हुआ। सरकार में बैठे लोगों को बताना चाहिए।