
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन एवं व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एपीएसी मीडिया के सहयोग से आयोजित छठा राष्ट्रीय कौशल कॉन्क्लेव होटल क्लार्क्स अवध, लखनऊ में संपन्न हुआ। कॉन्क्लेव का विषय “भारत को विश्व का स्किल हब बनाना” रहा, जिसमें राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नीति निर्माता, उद्योग प्रतिनिधि, शिक्षाविद एवं कौशल विशेषज्ञ शामिल हुए।
प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग डॉ. हरि ओम ने कहा कि उत्तर प्रदेश आने वाले 5 से 15 वर्षों में देश का सबसे बड़ा कार्यबल उपलब्ध कराने वाला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि कृषि, विनिर्माण, निर्माण और आईटी जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ ड्रोन तकनीक, ग्रीन एग्रीकल्चर, सोलर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रोबोटिक्स एवं एआई आधारित तकनीकों के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करना समय की आवश्यकता है।

डॉ. हरि ओम ने कहा कि उद्योग, सरकार और शैक्षणिक संस्थानों के बीच निरंतर सहयोग से ही भविष्य के लिए तैयार (Future Ready) कार्यबल तैयार किया जा सकता है। पाठ्यक्रमों का नियमित अद्यतन, ओएमआर और सीबीटी आधारित प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन, तथा उद्योग की मांग के अनुरूप स्किल मैपिंग इस दिशा में किए जा रहे प्रमुख प्रयास हैं।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कहा कि प्रदेश में एक मजबूत और प्रभावी स्किल इकोसिस्टम का निर्माण सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सीआईआई, एसोचैम, जेम, एचडीसीसीआई सहित विभिन्न उद्योग संगठनों के साथ नियमित संवाद कर पाठ्यक्रमों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत किया जा रहा है।
अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि यह कॉन्क्लेव सरकार, उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच सार्थक संवाद का सशक्त मंच है।
कॉन्क्लेव में विभिन्न राज्यों के कौशल नीति निर्माताओं, सेक्टर स्किल काउंसिल्स, सीएचआरओ, एलएंडडी प्रमुखों, प्रौद्योगिकी उद्योग नेताओं एवं शिक्षाविदों ने भाग लिया।
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