
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : अदाणी ग्रुप की डायरेक्टर नम्रता अदाणी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए ‘फ्यूचर ऑफ वर्क फॉर वीमेन समिट’ में विकसित भारत बनाने में शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण की अहम भूमिका पर जोर दिया।
“फ्लेक्सिबल वर्क अरेंजमेंट्स: चैलेंजेस, अपॉर्चुनिटीज़ एंड करियर पाथवेज़ फॉर वीमेन” विषय पर एक अहम पैनल चर्चा में हिस्सा लेते हुए, नम्रता अदाणी ने बताया कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। उनका मकसद है कि महिलाएं हर क्षेत्र में सफल हों और देश की तरक्की में अपना अहम योगदान दें।
इस पर बात करते हुए नम्रता ने कहा, “महिलाओं को अपनी किस्मत खुद तय करनी चाहिए l हमें केवल बदलाव का समर्थन ही नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका नेतृत्व भी करना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि उनकी सोच पर उनकी मां का गहरा असर रहा है। उन्होंने कहा, “मेरी मां हमेशा कहती थीं, ‘जब मुश्किलें आएंगी, तो आर्थिक आज़ादी ही तुम्हारा साथ देगी।’ आज मुझे उनकी दी गई सीख पर बहुत गर्व है, और अब मैं वही बातें अपनी बेटी को भी सिखा रही हूं।”
नम्रता अदाणी ने यह भी बताया कि अदाणी ग्रुप लंबे समय से भारत के ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रहा है, जहां उनका फाउंडेशन लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा और हुनर सिखाकर आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब वह इन बदलाव लाने वाले कार्यक्रमों को देश के शहरी स्कूलों तक भी ले जाना चाहती हैं।
इस पैनल में कई जाने-माने वक्ता उपस्थित थे, जिनमें प्रोफेसर अच्युत अध्वर्यु (यूसी सैन डिएगो), हन्ना एरिक्सन (डायरेक्टर, सस्टेनेबिलिटी एंड इम्पैक्ट, अपवर्क), प्रोफेसर निकोलस ब्लूम (स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी), और प्रज्ञा खन्ना (वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल हेड ऑफ सस्टेनेबिलिटी, प्रॉसस) शामिल थे।
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