ब्रेकिंग:

बीबीएयू और सावित्रीबाई फुले संस्थान के मध्य ‘एडवांस डिप्लोमा इन चाइल्ड गाइडेंस एंड काउंसलिंग’ कोर्स MOU

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ में मंगलवार 15 जुलाई को बीबीएयू और सावित्रीबाई फुले इंस्टीट्यूट ऑफ विमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के बीच एक अहम शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गये। इस एमओयू के अंतर्गत विश्वविद्यालय में शीघ्र ही ‘एडवांस डिप्लोमा इन चाइल्ड गाइडेंस एंड काउंसलिंग’ नामक एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल, डीन‌ ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू, गृह विज्ञान विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष प्रो. यू वी किरण, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष , प्रो. शालिनी अग्रवाल, डॉ. सुभाष मिश्रा‌ एवं सावित्रीबाई फुले इंस्टीट्यूट ऑफ विमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के रीजनल डायरेक्टर, लखनऊ डॉ. अनिल वी. बाबू ,असिस्टेंट डायरेक्टर श्रीमती लीना कुमारी, पी.आर. नाथ एवं विनोद कुमार मुख्य तौर पर उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बीबीएयू के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहा कि यह शैक्षणिक पहल विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ‘एडवांस डिप्लोमा इन चाइल्ड गाइडेंस एंड काउंसलिंग’ जैसे प्रैक्टिकल और समाज उपयोगी कोर्स से छात्रों को सरकारी व निजी क्षेत्रों में रिहैबिलिटेशन काउंसलर के रूप में नई दिशा और अवसर मिलेंगे। यह कोर्स दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक, शोध और प्रशिक्षण गतिविधियों को सशक्त करेगा। इसके अतिरिक्त प्रो. मित्तल ने इस प्रयास से जुड़ी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुये कहा कि हम आशा करते हैं कि यह पाठ्यक्रम आने वाले समय में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित होगा।
यह कोर्स विद्यार्थियों को चाइल्ड साइकोलॉजी, व्यवहारिक समस्याएं, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान, अभिभावक परामर्श तथा भावनात्मक-सामाजिक विकास से जुड़ी गहन जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। कोर्स के अंतर्गत 10 महीने के कोर्स वर्क के साथ 2 महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल है, जिससे विद्यार्थियों को फील्ड वर्क और वास्तविक जीवन की समस्याओं को समझने का अनुभव मिलेगा। विश्वविद्यालय में इस कोर्स के लिए 25 सीटें निर्धारित की गयी हैं। कोर्स के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम के अतिरिक्त इस क्षेत्र में होने वाले शोध कार्यों को मुख्यतः बढ़ावा दिया जायेगा।

रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (RCI) से अनुमोदित होने के कारण इस कोर्स की राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है। इसके अलावा, यह कोर्स उच्च शिक्षा, शोध कार्य, और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में भी अवसरों के द्वार खोलता है। कोर्स से जुड़ी विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र ही जारी की जाएगी।

Loading...

Check Also

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लघु सिंचाई विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की

अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अंतर्गत लघु सिंचाई …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com