ब्रेकिंग:

मां की हिम्मत, बेटे की उड़ान: वंश ने नासा में रचा इतिहास

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : कोविड में पति को खोया, बेटे के सहारे फिर संभलीं पूजा, आज बेटा नासा में दर्ज करवा चुका है भारत का नाम ! साल 2021 में जब पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में थी, उस वक्त दिल्ली की रहने वाली पूजा सक्सेना की जिंदगी भी एक झटके में बिखर गई। उनके पति विवेक कुमार, जो अदाणी सीमेंट में 23 सालों तक हेड ऑफ एनवायरनमेंट एंड हॉर्टिकल्चर के पद पर कार्यरत थे, महामारी की लहर में चल बसे। परिवार का मुखिया चला गया, और पूजा अकेली रह गईं एक किशोर बेटे वंश की पूरी जिम्मेदारी के साथ।

अदाणी समूह ने बढ़ाया मदद का हाथ
पूजा के पास पर्यावरण विज्ञान में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह पारिवारिक जिम्मेदारियों में व्यस्त थीं। ऐसे समय में अदाणी समूह ने न केवल उनके पति की सेवाओं का सम्मान किया, बल्कि पूजा की योग्यता पर भरोसा करते हुए उन्हें संगठन में एक नई भूमिका दी। यह भूमिका उनके लिए एक नई शुरुआत थी — एक ऐसा मंच, जिसने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का हौसला दिया। उनके लिए यह सिर्फ नौकरी नहीं थी, यह सहारा था।

वंश : जो कंप्यूटर स्क्रीन पर रच रहा था इतिहास
इस दौरान पूजा का बेटा वंश, जो उस वक्त केवल 14-15 साल का था, अपने कमरे में चुपचाप कुछ और ही कहानी लिख रहा था। उसे बचपन से ही कंप्यूटर से गहरी लगाव थी। जहां दूसरे बच्चे मोबाइल गेम या क्रिकेट में मस्त थे, वंश कंप्यूटर के सिस्टम और कोड्स में डूबा रहता था। धीरे-धीरे उसकी रुचि एथिकल हैकिंग की ओर बढ़ी — यानी ऐसी हैकिंग जिसमें सिस्टम को नुकसान पहुंचाने की बजाय उसकी कमजोरियों को खोजकर सुरक्षा मजबूत की जाती है। वंश कहता है, “मैं मानता हूं कि तकनीक का इस्तेमाल जिम्मेदारी से होना चाहिए। इसे सुरक्षा देने का माध्यम बनाना चाहिए, न कि डर का।”
NASA से मिला सबसे बड़ा सम्मान
वंश ने महज 17 साल की उम्र में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की एक वेबसाइट में बड़ी तकनीकी खामी खोज निकाली। यह ऐसी उपलब्धि थी जिसे नासा ने खुद मान्यता दी और वंश का नाम अपने हॉल ऑफ फ़ेम में दर्ज किया। वंश उस पल को याद करते हुए कहता है, “मैं कई दिनों से टेस्ट कर रहा था। एक दिन अचानक स्क्रीन पर वह बग नजर आया। कुछ देर तक मैं बस देखता रहा, यकीन नहीं हो रहा था कि मैं ये कर पाया।” पूजा के लिए यह पल सिर्फ गर्व का नहीं था, बल्कि उन तमाम संघर्षों की जीत थी जो उन्होंने अकेले लड़ी थीं। पूजा कहती हैं, “ये सिर्फ नासा का सम्मान नहीं था, ये उस मेहनत और ईमानदारी की जीत थी जो वंश ने बिना शोर किए दिखाई थी। मेरे लिए वह पल जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि था।”

Loading...

Check Also

मंडल रेल प्रबन्धक कार्यालय पर आयकर छूट एवं आयकर विवरणी दाखिल सम्बन्धी जागरूकता सत्र आयोजित

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, वाराणसी : मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी आशीष जैन की अध्यक्षता एवं …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com