
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ / रायबरेली : प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने रायबरेली की राजनीति में एक ऐसा दृश्य रचा, जिसने सभी को चौंका दिया। दशकों से एक-दूसरे के विरोधी माने जाने वाले दो प्रभावशाली परिवारों के प्रतिनिधि—क्षत्रिय समाज की नेत्री एवं विधायक अदिति सिंह और कद्दावर ब्राह्मण नेता विधायक मनोज पांडे—कल नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा के रायबरेली प्रवास के दौरान दोनों ने गर्मजोशी से मुलाकात की और सम्मानित किया।
रायबरेली की राजनीति का इतिहास गवाह है कि इन परिवारों के बीच अत्यंत संघर्ष/मतभेद तक हो चुका है। अदिति सिंह जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की करीबी मानी जाती हैं, वहीं मनोज पांडेय ने हाल ही में सपा से भाजपा का रुख किया है और पार्टी में उनका बढ़ता कद चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन दोनों को एक साथ साधना आसान नहीं था।
स्थानीय राजनीति में ए.के. शर्मा के गहरे रिश्ते पहले से ही स्थापित हैं। रायबरेली के एक अन्य बड़े क्षत्रिय नेता दिनेश सिंह से उनके पुराने आत्मीय संबंध रहे हैं। शर्मा कई बार उनके आवास पर पहुँच चुके हैं। हालांकि शुक्रवार वे कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे, पर यह तथ्य सभी जानते हैं कि अदिति सिंह और दिनेश सिंह के बीच वर्चस्व की जंग पुरानी है। इस लिहाज़ से अदिति सिंह और मनोज पांडे दोनों का मंत्री शर्मा से गर्म जोशी से मुलाकात करना व पर्याप्त समय देना भाजपा की आंतरिक रणनीति का मजबूत संकेत माना जा रहा है।
विश्लेषकों के अनुसार, रायबरेली लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ रहा है। ऐसे में यदि भाजपा संगठन स्थानीय स्तर पर परस्पर प्रतिस्पर्धी माने जाने वाले नेताओं को एक सूत्र में पिरोने में सफल होता है, तो यह आने वाले चुनावों में बड़े बदलाव की नींव रख सकता है।
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