
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कथित “आपत्तिजनक और गैर-जिम्मेदाराना” टिप्पणी करने को लेकर तीखा हमला बोला। बिट्टू ने मान की टिप्पणी को “शर्मनाक और संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ” बताया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
नई दिल्ली में जारी एक कड़े बयान में बिट्टू ने आरोप लगाया कि भगवंत मान ने अमित शाह को “तड़ीपार” कहकर संबोधित किया, जिसे उन्होंने अत्यंत अनुचित और अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा, “ऐसी भाषा न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाती है।” उन्होंने मान को “गैर-जिम्मेदार और अयोग्य नेता” करार दिया।
बिट्टू ने आरोप लगाया कि मान बार-बार राजनीतिक मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं और सार्वजनिक जीवन में शालीनता का पालन करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, “मान में वह बुनियादी शिष्टाचार नहीं है जो एक नेता में होना चाहिए। उनकी भाषा न केवल घटिया है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की पूरी तरह अनदेखी करती है।”
अमित शाह और भगवंत मान के बीच किसी भी प्रकार की नजदीकी की अटकलों को खारिज करते हुए बिट्टू ने स्पष्ट किया कि गृह मंत्री राज्य सरकारों, विशेष रूप से पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों से केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर समन्वय के लिए संपर्क करते हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन ‘सिंदूर’ जैसे अभियानों के तहत यह समन्वय बेहद जरूरी है और इसे निजी संबंधों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।”
बिट्टू ने आगे कहा कि मान का व्यवहार और सार्वजनिक मंचों पर दिए गए उनके बयान “संदिग्ध संबंधों” की ओर इशारा करते हैं और इससे पंजाब की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं को लेकर पंजाब विधानसभा में मान की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिट्टू ने उन्हें “नासमझी और भ्रामक” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री देश की कूटनीतिक कोशिशों का मज़ाक उड़ाते हैं, जबकि उन्हें इन यात्राओं की अहमियत तक का अंदाजा नहीं होता। ये यात्राएं व्यापार, तकनीक और रणनीतिक साझेदारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”
बिट्टू ने कहा कि प्रधानमंत्री इस समय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जो वैश्विक आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच है। ऐसे अवसरों को राष्ट्रीय उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि राजनीतिक व्यंग्य का विषय बनाया जाना चाहिए।
अपने बयान के अंत में बिट्टू ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अपील की कि वे भगवंत मान की टिप्पणी को गंभीरता से लें और उन्हें एक संवैधानिक पदाधिकारी का अपमान करने और जनता को गुमराह करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाएं।