
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : मंगलवार महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा समिति, भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय भारतीय भाषा परिवार व्याख्यान एवं परिचर्चा संपन्न हुई।
अध्यक्ष ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो आलोक चौबे ने कहा कि मातृभाषा में ही बच्चों की फर्स्ट हैंड अंडरस्टैंडिंग होती है। हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के महत्व को साझा करते हुए उन्होंने जोधपुर आईआई टी में हुए प्रयोग का उदाहरण दिया और बताया कि वहां इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में ब्रांच चयन में हिंदी भाषा को लेकर एक प्रयोग किया गया, जिसके फलस्वरूप हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों ने अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों से अधिक अंक अर्जित किए।
मुख्य अतिथि प्रो योगेंद्र प्रताप सिंह, हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज ने कहा कि हम अपनी भारतीय ज्ञान परंपरा का आवाहन करें, तो पाते हैं कि भारतीय भाषा परिवार एकता का परिवार है।
मुख्य वक्ता एवं कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. नंदलाल मिश्रा ने कहा कि भाषा से हम विचारों का परस्पर आदान प्रदान करते हैं। अतिथियों के विशिष्ट परिचय और स्वागत उपरांत भारतीय भाषा परिवार को एक करने की दृष्टि से प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन अतिथियों ने किया।

कार्यक्रम संयोजक और हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. ललित कुमार सिंह ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि औचित्य एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय भाषा परिवार भारत की बहुरंगी संस्कृति का जीवंत प्रमाण है। आभार प्रदर्शन राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो नीलम चौरे ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
प्रो कपिल देव मिश्रा, प्रो प्रज्ञा मिश्रा, प्रो नीलम चौरे, प्रो अजय आर चौरे, प्रो सुनीता सिंह, प्रो कमलेश कुमार थापक, प्रो घनश्याम गुप्ता, प्रो वाई के सिंह, प्रो त्रिभुवन सिंह एवं डॉ जयप्रकाश तिवारी सहित ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र छात्राओं ने सहभागिता की।
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