
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, इंदौर, मध्य प्रदेश : किसी भी किरदार को जीवंत बनाने के लिए सिर्फ डायलॉग्स याद रखना ही काफी नहीं होता, बल्कि उस दुनिया को समझना भी जरूरी होता है। ‘रिश्तों से बंधी गौरी’ में गौरी की भूमिका निभा रहीं ईशा पाठक का मानना है कि अभिनय में वास्तविकता लाने के लिए लोगों को देखना और समझना सबसे उपयोगी कला है।
ईशा पाठक बताती हैं कि लोगों का अवलोकन करने से कलाकारों को अपने अभिनय में गहराई लाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, “जब हम लोगों को करीब से देखते हैं, तो हमें उनकी बोली, हाव-भाव, आम बोलचाल के शब्द और भावनाएं व्यक्त करने का तरीका समझ में आता है। “
ईशा ने आगे बताया, “मेरे लिए यह प्रक्रिया और भी आसान रही क्योंकि मैं मध्य प्रदेश से हूं। बचपन से ही मैंने वहां की भाषा, परंपराओं और जीवनशैली को नजदीक से देखा और समझा है। इसलिए जब मुझे किसी ऐसे किरदार को निभाने का मौका मिलता है, जो इस क्षेत्र से जुड़ा है, तो वह मेरे लिए स्वाभाविक रूप से आसान हो जाता है। इसके अलावा, मैंने दो साल तक इंदौर में भी बिताए हैं, जिससे वहां की स्थानीय बोली और शब्दावली को और अच्छे से समझने का मौका मिला। वहां की संस्कृति और भाषा के बीच रहने से संवाद की स्वाभाविकता अपने आप ही आ जाती है, जिससे मेरा अभिनय अधिक सहज और वास्तविक लगता है।”
‘रिश्तों से बंधी गौरी’ एक प्रेरणादायक कहानी है, जो गौरी नाम की बहादुर और विनम्र लड़की के संघर्ष और साहस को दिखाती है। अनचाहे विवाह में बंधकर बुंदेला परिवार की बहू बनने वाली गौरी, अपनी सूझबूझ और आत्मविश्वास से अपनी किस्मत खुद लिखने का फैसला करती है। ईशा पाठक, सावी ठाकुर और स्वाति शाह द्वारा अभिनीत.
यह कहानी हर रात 8:30 बजे, सिर्फ सन नियो पर प्रसारित होती है।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat