
नई दिल्ली। टोक्यो खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा के लिए रविवार को ‘स्पोर्ट-स्पेसिफिक रेगुलेशन’ यानी खेल-विशिष्ट नियम (एसएसआर) जारी किये गये। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के खेलों के लिये जारी किये गये दिशानिर्देशों के अनुसार टोक्यो ओलंपिक के दौरान यदि कोई पहलवान फाइनल से पहले कोविड-19 से संक्रमित हो जाता है तो सेमीफाइनल में हारने वाला खिलाड़ी खिताबी मुकाबले में उतरेगा। हालांकि इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि फाइनल से बाहर होने वाले खिलाड़ी का क्या होगा जिसने कम से कम अपने लिये रजत पदक पक्का कर दिया था।
कुश्ती प्रतियोगिता एक अगस्त से 18 भार वर्गों में होगी जिसमें फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीको रोमन के छह – छह भार वर्ग शामिल हैं। भारत के सात पहलवान इसमें भाग लेंगे जिनमें चार महिलाएं शामिल हैं। आईओसी ने कहा कि जो भी खिलाड़ी संक्रमित होने के कारण बाहर होगा उसे अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा बल्कि उसके आगे डीएनएस (भाग नहीं ले पाया) लिखा जाएगा। टेनिस के लिये भी इसी तरह के नियम बनाये गये हैं जिसमें भारत की तरफ से केवल सानिया मिर्जा और अंकिता रैना महिला युगल में भाग ले रही हैं।
नियमों के मुताबिक, ”ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाएं कई दिनों तक आयोजित की जाती हैं। अगर कोई एथलीट कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आता है और प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ होता है, तो प्रतियोगिता के पिछले दौर में बाहर होने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को अगले दौर में उसकी जगह लेने का मौका मिलेगा। फाइनल में भी ऐसा ही होगा।”
ये नियम हालांकि 10,000 मीटर दौड़, मैराथन दौड़ और पैदल चाल स्पर्धाओं में लागू नहीं होंगे क्योंकि इसकी एक ही स्पर्धा होती है। इस मामलों में दौड़ का आयोजन वैसे (कोविड-19 संक्रमित) एथलीट के बिना होगा। उन्होंने कहा, ” इन खेलों में कोविड-19 पॉजिटिव आने वाले खिलाड़ियों के परिणामों को न्यूनतम स्तर को मान्यता दी जाएगी।”
एसएसआर आकस्मिक योजनाएं हैं जो एक कोविड-19 के मामले के पुष्टि होने के साथ ही सक्रिय हो जाएंगी ताकि सभी हितधारक इसे लागू करने के लिए तैयार रहे और ऐसे मामले दूसरे एथलीटों को प्रभावित न करें या प्रतियोगिता में देरी ना हो।’ भारत ने 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए 26 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम का चयन किया है। एथलेटिक्स प्रतियोगिता 30 जुलाई से आठ अगस्त तक होगी।
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