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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की अभिनव पहल : शोधार्थी को पौधा लगाना अनिवार्य

पर्यावरण का संरक्षण कर एन्वॉयरमेंटल चैंपियन बनें विद्यार्थी – प्रो. राज कुमार मित्तल, कुलपति

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ ने मंगलवार 15 जुलाई को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय और अभिनव पहल की शुरुआत की है। यह पहल विशेष रूप से पीएचडी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल के निर्देशन में आयोजित इस पहल के अंतर्गत हर शोधार्थी को एक पौधा लगाना होगा और अपने शोधकाल के दौरान उसकी देखरेख की जिम्मेदारी निभानी होगी।

यह वृक्षारोपण कार्यक्रम मंगलवार विश्वविद्यालय परिसर स्थित शोध वाटिका में संपन्न हुआ, जिसका आयोजन बागवानी एवं सौंदर्यीकरण अनुभाग की ओर से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अंतर्गत मुख्य तौर पर प्रॉक्टर प्रो. एम.पी. सिंह एवं बागवानी एवं सौंदर्यीकरण अनुभाग की अध्यक्ष प्रो. दीपा. एच. द्विवेदी उपस्थित रहीं। इस अवसर पर पीएचडी के नवप्रवेशित विद्यार्थियों ने कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल एवं अन्य संकाय सदस्यों के साथ मिलकर उत्साहपूर्व आम, अमरूद, नींबू, लीची, आंवला आदि फलदार एवं औषधीय वृक्षों का रोपण किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल मात्र एक पौधा लगाने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य छात्रों के भीतर पर्यावरणीय चेतना को जागृत करना, उनमें जिम्मेदारी का भाव विकसित करना और प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कहा कि आज जब वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और पर्यावरणीय असंतुलन जैसी गंभीर चुनौतियाँ सामने हैं, ऐसे समय में युवाओं को प्रकृति के रक्षक के रूप में तैयार करना अत्यंत आवश्यक है।

प्रो. मित्तल ने कहा कि शोधार्थियों को न केवल अपने अकादमिक अनुसंधान में उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए, बल्कि उन्हें समाज और पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील एवं उत्तरदायी नागरिक के रूप में विकसित होना चाहिए। इस अभियान के माध्यम से छात्रों को न केवल एक पौधा लगाने का अवसर मिल रहा है, बल्कि वह उस पौधे के साथ एक जीवंत संबंध स्थापित करेंगे, जिसकी देखरेख और संरक्षण उनके शोध यात्रा का एक अभिन्न अंग बन जाएगा। साथ ही कुलपति ने जोर देते हुए कहा कि बीबीएयू अपने विद्यार्थियों को एन्वॉयरमेंटल चैंपियन के रूप में गढ़ना चाहता है, जो भविष्य में समाज के लिए पर्यावरणीय नेतृत्व प्रस्तुत करें और सतत विकास की दिशा में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें।

इस योजना की विशेष बात यह है कि शोध कार्य की अंतिम प्रस्तुति के समय प्रत्येक छात्र को अपने लगाए गए पौधे की जियोटैग्ड फोटो विश्वविद्यालय में प्रस्तुत करनी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि शोधकाल के दौरान पौधे की देखरेख ईमानदारी से की गई है। यह पहल छात्रों में दीर्घकालिक प्रकृति संरक्षण की भावना विकसित करने के साथ-साथ परिसर की हरियाली को भी बढ़ावा देगी। बीबीएयू की यह सोच न केवल एक हरित परिसर के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि शोधार्थियों को समाज और प्रकृति के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनने की ओर भी प्रेरित करती है।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अन्य शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी उपस्थित रहे। सभी ने इस पर्यावरणीय पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे देशभर के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।

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